नई दिल्ली : Odisha के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे के बाद अब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) में एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनों के आमने-सामने आने का Video Viral हो रहा है।
इस वीडियो में नजर आ रहा है कि एक लोकल ट्रेन जिस ट्रैक पर खड़ी है उसी ट्रैक पर दूसरी ओर से भी एक ट्रेन आ रही है।
इससे एक और बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन समय रहते ये हादसा टल गया। घटना दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर की है।
एक ही रेलवे ट्रैक (Railway Track) पर यात्री गाड़ी और मालगाड़ी आ गई थीं लेकिन काफी दूरियों के बीच ही इसे रोक दिया गया।
और अब इस घटना के वीडियो को लेकर रेलवे की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
दो ट्रेन के आमने सामने का वीडियो
जो Video Viral हुआ है वो जयराम नगर और बिलासपुर सेक्शन (Bilaspur Section) के बीच ट्रेन के आमने-सामने आने का बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की शाम बिलासपुर जिले के जयरामनगर और जांजगीर-चांपा जिले के कोटमीसोनर के बीच लोकल यात्री ट्रेन (मेमू) और मालगाड़ी एक ही पटरी पर आ गई थी वहीं मेमू ट्रेन कोरबा (Memu Train Korba) आ रही थी।
लेकिन समय रहते दोनों गाड़ियों को रोका गया।
रेलवे ने दिया जवाब
वीडियो को लेकर रेलवे ने जवाब देते हुए कहा कि जयरामनगर-बिलासपुर सेक्शन ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन (Automatic Signaling Block Section) है।
रेलवे के पीआरओ अंब्रिश साहू ने कहा, ‘एक ही लाइन पर एक से अधिक गाड़ियों का सुरक्षित परिचालन एक ही समय में सिग्नल के आधार पर किया जाता है।’
रेलवे के अलग-अलग खंडों के Automatic Signaling Block Section में गाड़ियों का परिचालन इसी नियम के अनुसार किया जाता है।
वायरल वीडियो को लेकर पीआरओ ने कहा, ‘यात्रियों के बीच गलतफहमी फैल गई कि दो ट्रेन एक ही पटरी पर आमने-सामने आ गई और उनके बीच टक्कर हो जाती जबकि ऐसा नहीं होता है। ‘
कैसे काम करता है रेलवे सिग्नलिंग
रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (Railway Electronic Interlocking) एक ऐसे टेक्नोलॉजी है, जो रेलवे सिग्नलिंग को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।
यह एक सुरक्षा प्रणाली है जो ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिग्नल और स्विच के बीच ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) को कंट्रोल करती है।
यह सिस्टम रेलवे लाइनों पर सुरक्षित और अवरुद्ध चल रही ट्रेनों के बीच सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करती है।
इसकी मदद से रेल यार्ड के कामों को इस तरह से कंट्रोल किया जाता है जो नियंत्रित क्षेत्र के माध्यम से ट्रेन का सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करे।
रेलवे सिग्नलिंग अन-इंटरलॉक्ड सिग्नलिंग सिस्टम (Un-Interlocked Signaling System), मैकेनिकल और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल इंटरलॉकिंग से लेकर अब तक के मॉर्डन हाई टेक सिग्नलिंग तक एक लंबा सफर तय कर चुका है।