नई दिल्ली : India में 15 से 30 साल की उम्र के करीब 61 फीसदी युवा, जिन्होंने पहले कभी ई-सिगरेट (E-Cigarette) का इस्तेमाल नहीं किया है, भविष्य में इसकी चपेट में आ सकते हैं। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह अध्ययन पूरे देश से 456 समेत 4,007 लोगों के एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण (International Survey) के आधार पर किया गया।
वर्तमान या पिछले तम्बाकू उपयोग के बाद संवेदनशीलता पर दूसरे सबसे बड़े प्रभाव के रूप में E-Cigarette Advertising के संपर्क की पहचान की।
यह अध्ययन पूरे देश से एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण के आधार पर किया गया
रिपोर्ट के अनुसार, ई-सिगरेट विज्ञापन (E-Cigarette Advertising) के संपर्क की पहचान की गई, जबकि कथित हानिकारकता ने संवेदनशीलता की संभावना को कम कर दिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मस्तिष्क के विकास पर निकोटीन के प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों और उपकरणों में मौजूद अन्य रसायनों से संभावित नकारात्मक परिणामों के कारण युवा लोगों में E-Cigarette के उपयोग की संवेदनशीलता एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) चिंता है।
भारत में संस्थान में सुधीर राज थाउट रिसर्च फेलो (Sudhir Raj Thought Research Fellow) ने कहा कि इस बात की चिंता बढ़ रही है कि भारत में युवा ई-सिगरेट के उपयोग के लिए अतिसंवेदनशील होते जा रहे हैं।
तत्काल हस्तक्षेप और E Cigarette के उपयोग के जोखिम और प्रभाव को संबोधित करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान अनिवार्य हैं।
भारत में 51 प्रतिशत लोग जिन्होंने पहले कभी ई-सिगरेट का इस्तेमाल नहीं किया
इसके अलावा, सर्वे में पता चला है कि भारत में 51 प्रतिशत लोग जिन्होंने पहले कभी ई-सिगरेट (E-cigarette) का इस्तेमाल नहीं किया था, उसके बारे उत्सुक थे।
49 प्रतिशत ने कहा कि अगर किसी दोस्त के द्वारा पेश की जाती है तो वह उसका इस्तेमाल करेंगे और 44 प्रतिशत का इरादा E cigarette का उपयोग अगले वर्ष करने का था।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले 47 प्रतिशत भारतीयों ने ई-सिगरेट का विज्ञापन (Advertisement) देखा था।
ये परिणाम यूके में 63 प्रतिशत, चीन में 51 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया में 30 प्रतिशत थे, जहां अध्ययन हुआ था।
निष्कर्ष ड्रग एंड अल्कोहल डिपेंडेंस (Conclusions Journal of Drug and Alcohol Dependence) जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।
ई-सिगरेट की लग सकती है लत
अध्ययन में अधिकांश भारतीय उत्तरदायी अच्छे पढ़े लिखे थे और अमीर परिवार से थे।
हालांकि, 66 प्रतिशत युवाओं का मानना है कि ई-सिगरेट की लत लग सकती है और 66 प्रतिशत मानते हैं यह हानिकारक है।
वहीं ऐसा सोचना वाले आस्ट्रेलिया युवाओं (Australia Youth) की संख्या 87 व 83 प्रतिशत है।
ई-सिगरेट के विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की अपील की
शोधकर्ताओं ने इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ E Cigarette के विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की अपील की है।
भारत में तंबाकू का बाजार दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, लगभग 27 प्रतिशत भारतीय आबादी किसी न किसी रूप में तम्बाकू (Tobacco) का उपयोग करती है।