रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव नजदीक आया तो भाजपा को नेताजी सुभाष चंद्र बोस याद आ रहे हैं और उसके नेता पराक्रम दिवस मना रहे हैं।
राज्य में 2020 तक नेताजी की प्रतिमा कहां थी, यह प्रदेश भाजपा के नेता नहीं जानते थे।
झारखंड में बीते 20 वर्षों में 16 वर्ष तक भाजपा की सरकार रही, पर तब भाजपा नेताओं को नेताजी की याद नहीं आयी।
झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार चुनाव में भाजपा को खुदीराम बोस की याद आयी थी।
आजाद हिंद फौज का थीम सांग था, कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा।
ये जिंदगी है कौम की तू कौम पर लुटाये जा।
भाजपा इसकी व्याख्या करती है, कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा।
ये देश है कॉरपोरेट का, कॉरपोरेट पर लुटाये जा। उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए गंदी राजनीति भाजपा कर रही है।
नेताजी उद्यान में हम सबने नेताजी की प्रतिमा स्थापित की थीम सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने डॉ सिद्धार्थ मुखर्जी, डॉ एचपी नारायण और अन्य के साथ मिलकर रांची के नेताजी उद्यान में सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की थी।
वर्ष 2020 तक हमने भाजपा कार्यकर्ताओं को नेताजी के चरणों में फूल देते नहीं देखा।
हमने नेताजी को कभी झामुमो का नहीं बताया। जबकि गुरूजी के दादाजी रामगढ़ सम्मेलन मेें उनके सहयोगी रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को नेताजी उद्यान में जाना ही था तो वे आजाद हिंद फौज की पताका लेकर जाते, पर वे भाजपा का झंडा लेकर वहां गये।
झारखंड को नेताजी ने गौरवान्वित किया। भट्टाचार्य ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने झारखंड को कई बार गौरवान्वित किया।
अपने झारखंड प्रवास में वे यहां के प्रबुद्ध लोगों से मिले, स्वतंत्रता सेनानियों से मिले और उनके कई सहयोगी रांची में रहते हैं।
1940 में कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में भी उन्होंने हिस्सा लिया। उनकी सोच वैज्ञानिक समाजवाद यानि साम्यवादी थी।
उनकी आजाद हिंद फौज में एक ही किचन था, जहां फौज का सुप्रीम कमांडर से लेकर साधारण सैनिक खाना खाता था।
उनकी फौज में रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर बटालियन थी जिसका नेतृत्व कैप्टन लक्ष्मी सहगल करती थीं।