North Korea: तानाशाह किम जोंग (Kim Jong) की एक पाबंदी से उत्तर कोरिया (North Korea) के लोगों को अकाल जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। यहां लोग भूखे मर रहे हैं।
लोगों के पास खाने-पीने के सामान नहीं है। इसके पीछे का मुख्य वजह ये है कि तीन साल पहले कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान लागू किए गए सख्त नियम बताए गए हैं, जिनके कारण देश में खाने-पीने की चीजों की आमद बंद कर दी गई थी।
यह बंदी अब भी लागू है इसलिए लोगों के पास खाने की कमी हो गई है। इस हालत में अब तक बड़ी संख्या में लोग जान गंवा चुके हैं।
दुनिया जानती है कि उत्तर कोरिया जैसा तानाशाह और दमनकारी तंत्र (Dictators and Oppressive Regimes) शायद ही किसी देश में हो। वंशवादी सत्ता में जमे बैठे किम जोंग उन का राज दुनिया से कटकर मनमाने तरीके से चलता रहा है।
इसके बारे में देश से बाहर खबरें भी शायद ही कभी जा पाती हैं। लेकिन जो भी हालत सामने आती है उससे उस देश के लोगों की बदहाली पर तरस ही आता है। ताजा हालत यह है कि लोग भूखे मर रहे हैं और तानाशाह अपनी मिसाइलों (Missiles) को बढ़ाने में मस्त है।
सबसे भयंकर खाद्य आपदा से गुजर रहा उत्तर कोरिया
1990 के बाद पहली बार उत्तर कोरिया सबसे भयंकर खाद्य आपदा (Severe Food Crisis) से गुजर रहा है। जैसा पहले बताया, बाहर से खाद्य सामग्री के आयात पर तीन साल से ही प्रतिबंध है जिसे किम ने हटाया नहीं है।
एक रिपोर्ट में उस देश के नागरिकों से छनकर मिली जानकारी के अनुसार, किम जोंग उन ने कोरोना महामारी फैलते ही, साल 2020 में देश की सीमाएं सील कर दी थीं।
इससे खाद्य आपूर्ति (Food Supply) औंधे मुंह जा गिरी। चीन से आने वाला राशन नहीं आ पाया। अपने यहां खेती को बढ़ावा देने के लिए तानाशाह के पास सोच तक नहीं है।
न खेतों को सिंचाई उपलब्ध है, न मशीनरी है, न किसानों को कोई प्रोत्साहन। पैदावार इतनी कहां से होती कि सब देशवासियों (Countrymen) का पेट भर जाता।
2.60 करोड़ नागरिकों को खिलाने लायक भोजन नहीं
रिपोर्ट में बताया गया है कि देश 2.60 करोड़ नागरिकों को खिलाने लायक भोजन पैदा ही नहीं कर पा रहा है। इस हालत में कई गरीब-गुरबे लोग भूख से बेहाल होकर प्राण त्याग बैठे।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश 2.60 करोड़ नागरिकों को खिलाने लायक भोजन पैदा ही नहीं कर पा रहा है। जबकि तानाशाह किम जोंग ने अपना पूरा ध्यान और अक्ल परमाणु हथियारों (Intelligent Nuclear Weapons) का जखीरा खड़ा करने में झोंक रखी है। इस पर अरबों रुपए लुटाए जा रहे हैं।
1990 में अकाल के कारण करीब 30 लाख लोगों की हो गई थी मौत
राजधानी प्योंगयांग (Pyongyang) में ही लोग परिवार सहित भूखे मरने को विवश हैं। हालत यह है कि परिवारों के पड़ोस में रहने वाले तक नहीं जानते कि बगल के घर में भूख से लोग दम तोड़ रहे हैं।
चीन सीमा से सटे इलाके के एक मजदूर ने बताया कि खाने की चीजें इतनी कम मिल रही हैं कि उसके गांव में पांच लोग भुखमरी (Starvation) का शिकार होकर मर चुके हैं।
लोग परेशान हैं कि पहले कोविड (Covid) जान ले रहा था, अब खाने की कमी से मरने का खतरा पैदा हो गया है। बता दें कि 1990 के दशक के अंत में, उत्तर कोरिया में अकाल के चलते करीब 30 लाख लोगों की मौत हो गई थी।