न्यूज़ अरोमा रांची: झारखंड के 65 हजार पारा शिक्षकों के आंदोलन का सकारात्मक असर दिखने लगा है। आंदोलन को लेकर सरकार में हड़कंप मची है।
आलम ये है कि छुट्टी के दिन संडे को भी शिक्षा विभाग खुला रह सकता है।
वहां पारा शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांग वेतनमान व स्थायीकरण करने की दिशा में युद्ध स्तर पर होना है।
शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया गया है।
पारा शिक्षकों का कहना है कि अष्टमंगल के नेतृत्वकर्ताओं की कारगार रणनीति के आगे सरकार झुक चुकी है।
बहुत जल्द सरकार पारा शिक्षकों के वेतनमान को लेकर घोषणा कर सकती है।
संभव है अगले सेशन से वेतनमान की घोषणा हो।
आज का प्रदर्शन वेतनमान की गारंटी
सभी आंदोलनरत पारा शिक्षकों ने आज मंत्री आवास घेराव कार्यक्रम पर जोर लगा दिया है। पारा शिक्षकों का कहना है कि
सरकार की नजर 24 के कार्यक्रम पर टिकी हुई है।
इसी कार्यक्रम के सफल आयोजन पर वेतनमान मिलने की गारन्टी होगी, इसलिए हम सभी मिल कर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरी ताकत झोंकने का काम करें।
रांची में मंत्री रामेश्वर उरांव के बरियातू स्थित आवास के समक्ष होगा कार्यक्रम
पारा शिक्षक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को मंत्रियों के आवास का घेराव करेंगे।
रांची में वित्त सह खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव के बरियातू स्थित आवास के समक्ष यह कार्यक्रम होगा, जिसमें रांची, लोहरदगा, खूंटी, गुमला और सिमेडगा जिले के पारा शिक्षक शामिल होंगे।
इसी तरह, मंत्री मिथिलेश ठाकुर के गढ़वा, सत्यानंद भोक्ता के चतरा, आलमगीर आलम के पाकुड़, बादल के देवघर, बन्ना गुप्ता के जमशेदपुर, जोबा मांझी के मनोहरपुर तथा चंपई सोरेन के सरायकेला- खरसावां स्थित आवास का घेराव होगा, जिसमें संबंधित जिलों के पारा शिक्षक शामिल होंगे।
पारा शिक्षकों के स्थायीकरण के मसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गंभीर
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेताओं अनुसार अगर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है तो पारा शिक्षक 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।
इधर, पारा शिक्षकों के स्थायीकरण के मसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी गंभीर हैं।
उन्होंने पिछले दिनों पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता में स्थायीकरण के मुद्दे पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया था।
हालांकि इस बीच वे दिल्ली चले गए थे।
3 की जगह बीते 12 महीने
अष्टमण्डल सदस्य ने कहा कि पारा शिक्षकों की एकता को देखकर सरकार हरकत में है। अब हम सभी पारा शिक्षक बिना मांग पूरा हुए मानने वाले नहीं है।
उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है। तबतक हमलोग चरणबद्ध आंदोलन करते रहेंगे।
आंदोलन से सरकार की नींद हराम हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन महीने कहकर एक वर्ष में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाई है।
यदि सरकार समय रहते नहीं चेतती है तो आने वाला कल राज्य में भयावह स्थिति होगी। जिसकी ज़िम्मेदार राज्य सरकार होगी।