इंफाल : Manipur में हिंसा से निपटना सुरक्षाबलों (Security Forces) के लिए कठिन हो रहा है।
एक और उपद्रवी तत्व हिंसा फैलाने में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर कानून के अनुसार कार्रवाई करने की राह में सुरक्षाबलों को अनेक रुकावटें आ रही हैं।
सुरक्षा सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय महिला संगठन जवानों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा कर प्रदर्शन कर रही हैं।
महिलाओं का आरोप है कि Imphal पूर्व के कांग्लातोंबी इलाके की महिलाओं ने कांग्लातोंबी बाजार बोर्ड की महिलाओं के साथ कथित दुर्व्यवहार किया।
जिसके कारण महिलाओं ने केंद्रीय बलों का मुकाबला किया।
यह घटना कांग्लातोमबी ब्रिज (Kanglatombi Bridge) और कांग्लातोम्बी बाजार बोर्ड (Kanglatombi Market Board) के बीच हुई।
क्या है आरोप ?
सूत्रों के अनुसार, कैप्टन मनिंगबा के नेतृत्व में मोटबुंग में तैनात केंद्रीय बलों की एक टीम कांगलातोम्बी पहुंची और मैतेई आवासों की तलाशी शुरू कर दी।
आरोप लगाया गया है कि लगभग 15 कर्मियों की सुरक्षा बलों की एक टीम कांग्लातोंबी पहुंची, लेकिन केंद्रीय बलों को देखकर आसपास के इलाके से बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट एकत्र हो गए और सुरक्षाकर्मियों को वहां से लौट जाने को कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि कम आबादी का फायदा उठाते हुए केंद्रीय बल कुकी उग्रवादियों (Kuki Extremists) के साथ मिलकर इलाके में मैतेई समुदाय (Meitei Community) को निशाना बना रहे हैं।
रविवार सुबह शुरू हुआ था तलाशी अभियान
सुरक्षा बलों ने रविवार की सुबह इंफाल में तलाशी अभियान शुरू किया था।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2015 के डोगरा हमले के छह मामलों का मास्टरमाइंड स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तम्बा उर्फ उत्तम समेत 12 उग्रवादियों को पकड़ लिया था, लेकिन महिलाओं और स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में तकरीबन 13 सौ से 15 सौ लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और भीड़ के दवाब में 12 KYKL उग्रवादियों को रिहा करना पड़ा।
12 कैडरों को स्थानीय नेताओं के हवाले
प्रवक्ता के अनुसार, महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ के विरुद्ध बल प्रयोग करने से बचते हुए सभी 12 कैडरों को स्थानीय नेताओं के हवाले कर दिया गया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थानीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम के जरिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।