भोपाल: PM Modi ने कहा कि 3 तलाक का इस्लाम से कोई संबंध नहीं है।
‘जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं, वकालत करते हैं, ये वोटबैंक (Vote Bank) के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों (Muslim Daughters) के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं।
तीन तलाक (Triple Talaq) से नुकसान का दायरा बड़ा है। बहुत अरमानों से पिता अपनी बेटी को ससुराल भेजता है।
जब 8-10 साल बाद बेटी वापस आती है, तो उसका भाई, पिता सब बेटी की चिंता में दुखी हो जाते हैं।
मुस्लिम बहनें, बेटियां BJP और मोदी के साथ खड़ी
प्रधानमंत्री मंगलवार को भोपाल (Bhopal) में मेरा बूथ-सबसे मजबूत’ में पार्टी कार्यकर्ताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि तीन तलाक का इस्लाम से संबंध होता, तो दुनिया के मुस्लिम बहुल देश इसे खत्म नहीं करते।
मिस्र में 90 फीसदी से ज्यादा सुन्नी मुस्लिम हैं। आज से 80-90 साल पहले वहां तीन तलाक की प्रथा समाप्त हो चुकी है।
अगर तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है, तो पाकिस्तान, इंडोनेशिया, कतर, जॉर्डन, सीरिया, बांग्लादेश में क्यों नहीं है।
मुस्लिम बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटकाकर कुछ लोग उन पर हमेशा अत्याचार करने की खुली छूट चाहते हैं।
इसीलिए मेरी मुस्लिम बहनें, बेटियां BJP और मोदी के साथ खड़ी हैं।’
सुप्रीम कोर्ट कह रही कॉमन सिविल कोड लाओ
प्रधानमंत्री से उत्तर प्रदेश की BJP कार्यकर्ता रानी चौरसिया ने सवाल पूछा कि तीन तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मुस्लिम भाई-बहनों का भ्रम कैसे दूर करें?
इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के नाम पर भड़काने का काम हो रहा है।
एक घर में परिवार के सदस्य के लिए एक कानून हो, परिवार के दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो, तो क्या वो घर चल पाएगा?
फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा। भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट कह रही है कि Common Civil Code लाओ।’
बूथ की इस इकाई को नहीं समझना चाहिए छोटा
दमोह के श्रीराम पटेल ने पूछा कि आपने खुद मंडल स्तर तक कार्यकर्ता बनकर काम किया। ऐसे में आप राजनीति के अतिरिक्त सामाजिक कार्य को कैसे देखते हैं?
इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छा लगा कि आप रोज की राजनीति की आपाधापी के बजाय दूसरा सवाल लाए हैं।
बूथ अपने आप में बहुत बड़ी इकाई है। बूथ की इस इकाई को छोटा नहीं समझना चाहिए।
हमें अपने बूथ में राजनीतिक कार्यकर्ता से ऊपर उठकर समाज के साथी के रूप में अपनी पहचान बनानी चाहिए।
बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जिसमें जमीन का फीडबैक जरूरी होता है।
बूथ के साथी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं।
हमारी पार्टी के अखबार व मैग्जीन…
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के अखबार व मैग्जीन हैं। हमें तय करना चाहिए कि हम इनका वितरण करेंगे।
ये हमारा एक कमल संदेश होगा। आप अपने लिए खर्चा करते हैं, लेकिन वो दूसरों के घर पहुंचा देंगे तो फायदा होगा।
अभी सब किसान अलग-अलग यूरिया लेने जाते हैं। अगर आप एक Whatsapp Group बना दें और उनकी डिमांड पूछकर सभी एक साथ यूरिया लेने जाएं, तो लाने का खर्चा कम हो जाएगा।
ऐसी भावना सभी में होती है, लेकिन माध्यम नहीं होता है।
जब कोई व्यक्ति माध्यम बन जाता है, तो सेवाभाव वाले व्यक्ति उससे जुड़ ही जाते हैं।
जब आप किताब देंगे, तो आप देखेंगे बच्चे भी अपनी पुरानी किताबें दे देंगे। आप देखना घर-घर किताबें पहुंच जाएंगी।
आंगनबाड़ी के जरिए गरीब परिवारों से दोस्ती का तरीका बताया। खजूर का सीजन है, तो बच्चों को खजूर खिला दो।
नई टॉफी आई है, तो उनको टॉफी खिला दो। ऐसे में वो आपको पहचानेंगे। आपका जुड़ाव उन परिवारों से बनेगा।
आप अपने बूथों पर ऐसे प्रयोग कीजिए। आपकी तरफ देखने का लोगों का दृष्टिकोण बदल जाएगा।
आंध्रप्रदेश के श्रीसल्ला रामकृष्णा ने पूछा
आंध्रप्रदेश के श्रीसल्ला रामकृष्णा ने पूछा कि कार्यकर्ताओं को और अधिक कार्य कैसे करना चाहिए?
इस पर मोदी ने कहा कि कार्यकर्ता के दिल में और ज्यादा काम करने की भूख होना बड़ी ताकत की बात है।
भारत विकसित तभी होगा, जब गांव विकसित होगा। हमें देखना होगा कि हमारा कार्यक्षेत्र गांव होगा, पंचायत होगी, नगर होगा, महानगर होगा।
इससे ही देश विकसित होगा। इसके लिए हमें गांव से काम करना होगा। लोगों को बैंकों से मदद कैसे दिलवाएं।
उनको आर्थिक सहायता कैसे मिलती है, ये बताएं। भारत में बच्चे स्कूल छोड़ देते हैं, लेकिन BJP कार्यकर्ता ये सोचें कि मेरे बूथ पर कोई बच्चा ड्रॉपआउट (Drop Out) नहीं होगा। हर बच्चा पढ़ेगा।
गांव के अंदर कैसे मिटा सकते हैं कुपोषण
उन्होंने कहा कि हम गांव के अंदर कुपोषण कैसे मिटा सकते हैं। जन्मदिन आंगनबाड़ी में मताओ, पिताजी की मृत्यु की तिथि है आंगनबाड़ी में मताओ, शादी की सालगिरह आंगनबाड़ी में मनाएं।
घर से बनाकर लाओ, इन बच्चों को खिलाओ। इससे आपको आनंद भी आएगा और इन बच्चों का कुपोषण भी कम होगा।
हमें ऐसे तरीके ढूंढना चाहिए, जहां पंढेरी का काम है। वे दूध इकट्ठा करके पिला सकते हैं। इससे हम तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।
हमें गरीब को मुसीबत से करना है मुक्त
मोतीहारी-बिहार के रिपु सिंह ने पूछा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास कैसे पहुंचाया जा सकता है?
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये काम हमारे कार्यकर्ता बेहतरीन तरीके से करते आ रहे हैं, लेकिन फिर भी हमें और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
हमारा लक्ष्य किसी एक योजना का लाभ देना नहीं, बल्कि सभी का लाभ देने का है। जिसका वो हकदार है।
जैसे PM आवास योजना में अपना घर मिला होगा, जब घर मिल गया है तो ये देखना कि जो इन घरों में रह रहे हैं, उन्हें मुद्रा योजना का लाभ भी मिल सकता है क्या?
क्या उनको व्यापार शुरू करने में मदद कर सकते हैं क्या? उससे पूछिए आयुष्मान कार्ड मिला है क्या?
गरीब परिवार को पांच लाख तक की मदद मोदी के यहां से आती है। ये उसको बताइए।
ये भी बताइए कि फलां आदमी को लाभ मिला है। पड़ोस के गांव में मिला है। इससे वो अपनी बीमारी छिपाएगा नहीं।
ये सारे काम कार्यकर्ता करता है तो सरकार की योजनाओं का सही लोगों को सही समय पर पूरा लाभ मिल सकता है।
हमें ध्यान रखना चाहिए कि हमें गरीब को मुसीबत से मुक्त करना है।
Namo App पर अनेक योजनाओं की जानकारी
उन्होंने कहा कि जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया पर गांव का, बूथ का ग्रुप बना सकते हैं।
Namo App पर अनेक योजनाओं की जानकारी उनको दे सकते हैं। आपको देखना चाहिए कि आप अपने एमएलए और अध्यक्ष के साथ जुड़े हैं।
इनको भी जोड़ना और सिखाना चाहिए। ये सारी बातें उनकी अपनी भाषा में होती हैं।
जिस भाषा में लोग समझते हैं उस भाषा में आप जानकारी पहुंचा सकते हैं।
जब हम अपनी एक बात को तुलनात्मक तरीके से कहते हैं तो सामान्य व्यक्ति को अच्छे से समझ आता है।
जब देश का भला होगा, तो सबका भला होगा
UP की हिमानी वैष्णव ने पूछा कि पहले सामाजिक के नाम पर तुष्टीकरण को बढ़ावा दिया गया?
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग अपने दल के लिए जीते हैं। दल का ही भला करना चाहते हैं।
वे इसलिए ऐसा करते हैं, क्योंकि उनको कमीशन, मलाई और कट मनी का हिस्सा मिलता है।
इसमें उनको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। गरीब को गरीब और वंचित को वंचित बनाए रखने से ही उनकी राजनीति चलती है।
तुष्टीकरण का ये रास्ता कुछ दिन तो चल सकता है, लेकिन ये देश के लिए विनाशक होता है। दूसरी तरफ हम भाजपा के लोग हैं, हमारे संकल्प अलग हैं।
हमारी संकल्पना दल से पहले देश की है। जब देश का भला होगा, तो सबका भला होगा।
जब सबका भला होगा, तो देश आगे बढ़ेगा। इसलिए भाजपा ने तय किया है कि हमें तुष्टीकरण के रास्ते पर नहीं चलना है।
देश का भला करने का रास्ता तुष्टीकरण नहीं
उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि देश का भला करने का रास्ता तुष्टीकरण नहीं है। सही रास्ता है संतुष्टिकरण है।
आज देश में जहां BJP की सरकार है वहां हम संतुष्टिकरण में लगे हैं। ये रास्ता मेहनत का होता है। पसीना बहाना पड़ता है।
इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा। जाति नहीं। भाई-भतीजा नहीं। इसलिए हम संतुष्टिकरण के रास्ते पर बढ़ रहे हैं।
हमने देखा है UP में कोरी, खटीक भाई बहन राजनीति के शिकार हुए और विकास से वंचित रह गए।
बिहार में देखें तो दलित और महा दलित और उसमें भी राजनीति। समाज को बांट दिया। कुछ जातियों पर विशेष ध्यान।
कुछ को छोड़ दिया। दक्षिण भारत में भी कुछ समाजों को वंचित रखा है। कर्नाटक में भी ऐसा ही है।
कई जातियों को विकास में पीछे छोड़ दिया गया। कुछ ही लोगों को मलाई दी गई। तेलंगाना में भी ऐसा है। तमिलनाडु में भी।