नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) अपराधी सरगना से नेता बने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की हत्या की स्वतंत्र जांच संबंधी याचिका पर 3 जुलाई को सुनवाई करेगा।
पत्रकार बनकर आए 3 अपराधियों ने प्रयागराज (Prayagraj) में अप्रैल में अतीक और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत (Police Custody) में गोली मारकर हत्या कर दी थी।
UP में 2017 से अब तक हुई 183 पुलिस मुठभेड़ों की जांच के आदेश का अनुरोध
शीर्ष अदालत की वेबसाइट (Website) पर अपलोड की गई तीन जुलाई की वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति SR भट्ट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करेगी।
याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश (UP) में 2017 से लेकर अब तक हुई 183 पुलिस मुठभेड़ों की जांच के आदेश देने का भी न्यायालय से अनुरोध किया है।
शीर्ष अदालत ने 28 अप्रैल को मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से सवाल किया था कि पुलिस हिरासत में मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाते समय अतीक अहमद और पूर्व विधायक अशरफ को मीडिया के सामने क्यों पेश किया गया था।
3 हमलावरों ने अतीक और उसके भाई पर बिल्कुल नजदीक से गोलियों की बौछार कर दी थी, जिससे दोनों की तुरंत मौत हो गयी थी।
हत्यारों को दोनों को अस्पताल ले जाने की जानकारी मिली कैसे?
न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से यह भी पूछा था कि हत्यारों को दोनों को अस्पताल ले जाने की जानकारी कैसे मिली?
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय टेलीविजन (National Television) पर लाइव दिखाई गई घटना की जांच के लिए तीन-सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है।
वकील ने कहा था कि प्रदेश पुलिस का एक विशेष जांच दल (SIT) भी मामले की जांच कर रहा है।
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को इस घटना और उसके बाद की स्थिति पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता ने कहा
याचिकाकर्ता तिवारी ने अपनी याचिका में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन का अनुरोध किया है।
याचिकाकर्ता ने कहा है, ‘‘वर्ष 2017 से हुई 183 मुठभेड़ों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन करके कानून के शासन की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किये जाएं, साथ ही अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की भी जांच की जाये।’’
तिवारी की याचिका के अलावा अतीक और अशरफ की बहन आयशा नूरी ने भी शीर्ष अदालत में एक अलग याचिका दायर की है, जिसमें दोनों भाइयों की ‘हिरासत’ में तथा ‘न्यायेतर मौतों’ की जांच के लिए एक शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग के गठन का अनुरोध किया गया है।