रांची: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) रांची महानगर ने हूल दिवस (Hul day) पर रांची स्थित सिदो-कान्हू पार्क (Sido-Kanhu Park) में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको याद किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल (National General Secretary Yagyavalkya Shukla) ने कहा कि हूल क्रांतिकारियों का बलिदान हिंदुस्तान (India) कभी नहीं भूलेगा। आज का दिन झारखंड के लिए गौरव का दिन है।
1855 में ही विद्रोह का झंडा बुलंद किया
क्योंकि, अंग्रेजों के खिलाफ आजादी का बिगुल 1855 में सबसे पहले झारखंड के वीर सपूत सिदो-कान्हू और चांद भैरव ने जगाई थी।
उन्होंने कहा कि आजादी की पहली लड़ाई सन 1857 में मानी जाती है लेकिन झारखंड के जनजातीय समाज ने 1855 में ही विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया था।
अंग्रेजों और आंदोलनकारियों की लड़ाई में चांद और भैरव शहीद हो गए।
साथ ही सिदो-कान्हू के करीबी साथियों को पैसे का लालच देकर दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
सैकड़ों क्रांतिकारियों ने जान की प्रवाह न करते हुए आजादी की लडाई लड़ी
फिर 26 जुलाई को दोनों भाइयों को भोगनाडीह गांव में खुलेआम एक पेड़ पर टांगकर फांसी की सजा दे दी गई।
इस विद्रोह में सैकड़ों क्रांतिकारियों ने जान की प्रवाह न करते हुए आजादी की लडाई लड़ी।
इस मौके पर प्रान्त सह कोषाध्यक्ष शुभम प्रोहित, प्रेम प्रतीक, अटल पांडेय, अवधेश ठाकुर, मुन्ना यादव, खुशबू हेमरोम, हर्ष राज, सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।