पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर चार्जशीट दायर होने के बाद क्या अब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) उनसे इस्तीफा लेने की हिम्मत दिखायेंगे?
अब उनके लिए पार्टी के दरवाजे बंद हो चुके..
उन्होंने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि 2017 में जब भ्रष्टचार के मामले की प्राथमिकी और जांच में तत्कालीन Deputy CM Tejashwi Yadav का नाम आया था, तब मुख्यमंत्री ने विंदुवार जवाब मांगा था, अकेले में उनसे बात की थी और संतुष्ट न होने पर महागठबंधन सरकार का इस्तीफा सौंप दिया था।
मोदी ने कहा कि उस समय BJP के बिना शर्त समर्थन देने से उनकी कुर्सी बच गई थी। अब उनके लिए पार्टी के दरवाजे बंद हो चुके हैं, इसलिए नीतीश कुमार ने लालू परिवार के भ्रष्टचार से समझौता कर लिया है।
दोस्त बदल लेने से सच नहीं बदल जाता
उन्होंने कहा कि 2007 में JDU के ललन सिंह ने ही नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद के विरुद्ध CBI जांच की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन सौंपा था।
उन्होंने कहा कि ललन सिंह के ज्ञापन और उनके ही उपलब्ध कराये दस्तावेजी सबूत के आधार पर जब लालू परिवार के खिलाफ जाँच आगे बढ रही है, तब ललन सिंह राजद से दोस्ती होने के कारण पलट कर CBI और केंद्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
दोस्त बदल लेने से सच नहीं बदल जाता।
राजनीतिक बयानबाजी करने के बजाय ऐसे सवालों का बिंदुवार जवाब देना चाहिए
सुशील मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जिन लोगों की करोड़ों रुपये की कीमती जमीन एके इन्फो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के नाम लिखवायी गई, उस कंपनी को मात्र एक लाख रुपये में तेजस्वी यादव ने कैसे खरीद लिया?
उन्होंने कहा कि रेलवे में ग्रेड-4 की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी ने अपनी 70 लाख की जमीन तत्कालीन रेलमंत्री की बेटी हेमा यादव को दान क्यों की?
तेजस्वी यादव को राजनीतिक बयानबाजी करने के बजाय ऐसे सवालों का बिंदुवार जवाब देना चाहिए।