काठमांडू : नेपाल के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of Nepal) ने एक अंतरिम आदेश जारी कर समलैंगिक जोड़ों (Gay Couples) को अपनी शादी का पंजीकरण कराने की अनुमति दे दी है। इसके बाद नेपाल में समलैंगिक जोड़े अपनी शादी का पंजीकरण करा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश तिल प्रसाद श्रेष्ठ की पीठ ने बुधवार को अंतरिम आदेश जारी करने के बाद समलैंगिक जोड़ों के लिए अपनी शादी का पंजीकरण (Marriage Registration) कराने का दरवाजा खोल दिया।
कोर्ट शादी को पंजीकृत करने को कहा
नेपाल में तीसरे लिंग और समलैंगिकों के पक्ष में सक्रिय गैर-सरकारी संगठन नील हीरा समाज की अध्यक्ष पिंकी गुरुंग ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ रिट दायर करके समलैंगिक जोड़े की शादी को मान्यता देने की मांग की थी।
कोर्ट ने आदेश जारी कर शादी को पंजीकृत करने को कहा, क्योंकि नेपाल के संविधान में लिंग पहचान के साथ नेपाली नागरिकता प्रमाणपत्र प्राप्त करने का प्रावधान है।
कोर्ट के आदेश को बताया गलत
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल के अध्यक्ष और पूर्व उपप्रधानमंत्री कमल थापा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक जोड़ों के विवाह को पंजीकृत करने का अंतरिम आदेश जारी करने पर नाराजगी व्यक्त की है।
उन्होंने कोर्ट के आदेश को गलत बताया। थापा ने कहा कि अगर समलैंगिक विवाह (Gay Marriage) को वैध कर दिया गया, तो इससे सामाजिक अव्यवस्था पैदा होगी। थापा नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने के पक्ष में हैं। वह नेपाल में सांस्कृतिक अतिक्रमण का विरोध करते रहे हैं।