रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अदालत में बुधवार को चाईबासा में मनरेगा घोटाला (MNREGA Scam) की CBI जांच को लेकर मतलूब आलम की जनहित याचिका की सुनवाई हुई।
मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं हो सका। खंडपीठ ने मामले में राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
चाईबासा में करीब 28 करोड़ रुपए का मनरेगा घोटाला हुआ
मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश (Piyush Chitresh) ने पैरवी की।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि इससे संबंधित मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में जो प्राथमिकी दर्ज की गई थी उसकी वर्तमान में जांच की क्या स्थिति है। कोर्ट ने संदर्भ में राज्य सरकार से जवाब मांगा था।
याचिकाकर्ता की ओर से की ओर से कोर्ट को बताया गया था वित्तीय वर्ष 2008-9, 2009-10, 2010-11 में चाईबासा (Chaibasa) में करीब 28 करोड़ रुपए का मनरेगा घोटाला हुआ है।
पुलिस ने 14 FIR दर्ज की
इसे लेकर चाईबासा में पुलिस ने 14 FIR दर्ज की थी। बाद में ACB ने मामले में भी पीइ ( प्रारंभिक जांच) दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
चाईबासा में तीन वित्तीय वर्षों में मनरेगा कार्यों (MNREGA works) में अग्रिम राशि का भुगतान तो कर दिया गया था लेकिन कोई काम धरातल पर नहीं हुआ था। उस समय चाईबासा के DC के श्रीनिवासन (Srinivasan) थे।