रांची : एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की टीम ने साहिबगंज जिले में हुए 1000 करोड रुपये के अवैध खनन मामले (Illegal Mining Case) फिर बड़ी कार्रवाई की है।
जानकारी के अनुसार, टीम ने पत्थर खदान संचालक टिंकल भगत और भगवान भगत (Tinkle Bhagat and Bhagwan Bhagat) को दबोच लिया है। बताया जाता है कि टिंकल भगत सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का सहयोगी है।
गौरतलब है कि अवैध खनन मामले में बीते 29 जुलाई 2022 को टिंकल भगत समेत छह लोगों के खदान की जांच भी की गई थी। इसके बाद ED ने बीते तीन अगस्त 2022 को टिंकल भगत समेत अन्य लोगों से ED ऑफिस (ED Office) में पूछताछ की थी।
8 जुलाई को ईडी ने की थी छापेमारी
अवैध खनन मामले की जांच के दौरान ED ने बीते 8 जुलाई 2022 को पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) के सहयोगी भगवान भगत और टिंकल भगत समेत 15 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
टिंकल भगत का मिर्जाचौकी में पत्थर का खदान है। भगवान भगत का बरहड़वा में पत्थर का खदान है। ED ने छापेमारी के दौरान भगवान भगत और टिंकल भगत के घर से कई कागजात जब्त किए थे।
बिहार व बंगाल के अधिसंख्य ठिकानों पर पत्थर की होती थी सप्लाई
ED ने बड़हरवा टेंडर विवाद (Badharwa Tender Dispute) में 22 जून 2020 को दर्ज बड़हरवा थाना कांड संख्या 85/2020 के आधार पर आठ मार्च 2022 को ECIR 03/2022 दर्ज किया था. यह केस पंकज मिश्रा व अन्य के विरुद्ध दर्ज है, जिसे शंभू नंदन कुमार ने दर्ज कराया था.
बड़हरवा टोल के टेंडर में विवाद, मारपीट व धमकी मामले में यह केस कराया गया था. ED ने छानबीन में पाया कि पंकज मिश्रा व अन्य चाहते थे कि सभी टोल पर उनका नियंत्रण हो, ताकि वे आसानी से अपने अवैध पत्थर खनन के धंधे की निगरानी कर सकें. इस इलाके से बिहार व बंगाल के अधिसंख्य ठिकानों पर पत्थर की सप्लाई (Stone Supplies) होती थी.
पंकज मिश्रा सीधी तौर पर अवैध खनन को संचालित कर रहा था. वैसे अवैध खनन के पत्थर की ढुलाई में उसे कृष्णा कुमार साहा, भगवान भगत, टिंकल भगत, विष्णु कुमार यादव व अन्य सहयोग करते थे।