रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की कोर्ट में शुक्रवार को मनी लांड्रिंग मामले (Money Laundering Cases) में फंसे पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही के तत्कालीन निजी सचिव उमाशंकर मालवीय (Umashankar Malviya) के पासपोर्ट रिलीज कराने को लेकर दायर क्रिमिनल रिवीजन की सुनवाई हुई।
मामले में याचिकाकर्ता की ओर से बहस की गई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पूरक शपथ पत्र (Supplementary affidavit) दाखिल कर बताने को कहा है कि वह अपनी बेटी से मिले लंदन कब और कितने दिनों के लिए जाना चाहते हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 14 जुलाई निर्धारित की।
बेटी लंदन में कर रही है पढ़ाई
ED की विशेष न्यायाधीश (Special Judge) की कोर्ट ने पासपोर्ट रिलीज करने के उमाशंकर मालवीय की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
याचिका में कहा गया है कि उनकी बेटी लंदन में हुल यूनिवर्सिटी में LAW की पढ़ाई कर रही है। इसलिए वह लंदन उससे मिलने जाना चाहते हैं।
ED पासपोर्ट को रिलीज करने का आदेश दिया
ऐसे में ED की अदालत में जमा उनके पासपोर्ट को रिलीज (Passport Release) करने का आदेश दिया जाए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा एवं अधिवक्ता निरुपमा ने पैरवी की।
उमाशंकर मालवीय पर पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही (Bhanu Pratap Shahi) के द्वारा अर्जित की गई करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति को मनी लांड्रिंग करने में सहयोग करने का आरोप है।
विजिलेंस थाने में तत्कालीन विधायक भानु प्रताप शाही (Bhanu Pratap Shahi) की आय से अधिक संपत्ति को लेकर दर्ज कांड संख्या 9/ 2009 के आधार पर CBI ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी।