कोडरमा: ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनबाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर (IIFA) के आह्वान पर 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलनों (45th and 46th Indian Labor Conferences) की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर सैकड़ों आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं ने काली पोषाक पहन जुलूस निकालकर जिला समाहरणालय पर प्रदर्शन कर सोमवार को देशव्यापी काला दिवस मनाया।
सेविका सहायिका को 26 हजार वेतन, ग्रेच्युटी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने, न्यूनतम मजदूरी का भुगतान व उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने, ESI PF और ग्रेच्युटी सहित पेंशन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने व ICDS का निजीकरण के खिलाफ मांग दिवस पर 745 आंगनबाड़ी केन्द्रों में तालाबंदी (Lockdown in Anganwadi centers) कर एकदिवसीय हड़ताल के माध्यम से इससे पूर्व झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका यूनियन (सीटू) के बैनर तले सेविका सहायिकाओं ने सब्जी मंडी कोडरमा बाजार से विशाल जुलूस निकाला जो रांची पटना रोड हुए समाहरणालय पहुंचकर विशाल प्रदर्शन व सभा में तब्दील हो गया।
सभा की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शोभा प्रसाद और संचालन जिला सचिव वर्षा रानी ने किया जिसे सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान, जिला संयोजक रमेश प्रजापति, आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी व सुरेंद्र पाण्डेय ने सम्बोधित किया।
मांगों से सम्बन्धित मांग पत्र प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को सौंपा गया
मुख्य वक्ता और सीटू नेता संजय पासवान ने कहा कि 27 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं, जो छह वर्ष से कम आयु के लगभग 8 करोड़ बच्चों को पोषण, स्वास्थ्य और ECCE की बुनियादी सेवाएं प्रदान करती हैं। लेकिन न्यूनतम मजदूरी, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा जैसे लाभ यहां तक कि श्रमिक का दर्जा तक नहीं दिया जा रहा है।
जहां देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ को “अमृत महोत्सव” के रूप में मना रहा है, वहीं हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी न्यायोचित और जायज मांगों को उठाने के लिए सड़कों पर हैं।
आंगनबाड़ी नेत्री मीरा देवी (Meera Devi) ने कहा कि छह महीने से पोषाहार राशि नहीं मिलने के कारण आंगनबाड़ी केंद्र चलाने में समस्या आ रही है। प्रदर्शन के बाद केन्द्रीय मांगों से सम्बन्धित मांग पत्र प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को सौंपा गया।