रांची: झारखंड कांग्रेस ने कहा है कि तीन काले कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को किसानों का दिल्ली कूच भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पतन में अंतिम कील साबित होगी।
इस ट्रैक्टर रैली से तानाशाही सरकार के जाने का जाने रास्ता तय हो जाएगा। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने सोमवार को कहा कि एक ओर देश के अन्नदाता किसान सड़कों पर है।
वहीं दूसरी ओर से पेट्रोलियम पदार्थां और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी से आमजन परेशान है।
इन मुद्दों को लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से राज्य की जनता को केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ गोलबंद करने का काम किया जाएगा।
भाजपा अपने अरबपति मित्रों के लिए लाल कालीन बिछाकर देश का सारा धन उनके हवाले कर रही है।
लेकिन किसान अपना हक मांगने दिल्ली आना चाहते हैं, तो नाकाबंदी की जा रही है। यह भाजपा और सूटबूट वालों की जुगलबंदी है। किसान का हक छीनने को ये नाकाबंदी है।
उन्होंने कहा कि किसान न्याय की गुहार लगा रहे हैं, किसान जीने का अधिकार मांग रहे है, किसान आजीविका की लड़ाई लड़ रहे हैं, पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों का निवाला छिनने पर उतारू है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषिमंत्री कह रहे हैं कि 12 बैठकों के बाद भी काले कानूनों पर कोई नतीजा नहीं मिला, वे गिनती जोड़ कर देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे है। समाधान के लिए एक ही बैठक काफी है, इच्छा शक्ति हो तो 56 इंज की छाती नहीं सीने में दिल चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के 64 करोड़ किसान तीन काले कानून को लेकर आंदोलनरत है।
करीब 100 किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन पता नहीं केंद्र सरकार क्यों किसानों की बातों को अनसुनी कर रही है, जबकि पूरी दुनिया ने किसानों के आंदोलन पर गंभीर चिंता प्रकट की है।