जामताड़ा : मंगलवार को झारखंड के सहायक अध्यापकों (Para Teacher) का एक प्रतिनिधिमंडल जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी (Irfan Ansari) से मिला और अपनी समस्याओं तथा मांगों की विस्तार से जानकारी दी।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सूबे के लगभग 62 हज़ार सहायक अध्यापक संप्रति पारा शिक्षक विगत 20 वर्षो से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी शिक्षकों (Government Teachers) के समतुल्य निरंतर शिक्षा की अलख जगा रहे हैं।
अपने वेतनमान की मूल मांग की पूर्ति के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। सरकार ने उनकी मांगों पर अब तक मुकम्मल ध्यान नहीं दिया है।
सहायक अध्यापकों के साथ किया जा रहा भेदभाव
सहायक अध्यापकों का कहना है कि राज्य के अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना किसी परीक्षा दक्षता के 5200-20200 रु के वेतनमान में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
ऐसी परिस्थिति में लगभग 20 वर्षों से कार्यरत झारखंड के सहायक अध्यापकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। पड़ोसी राज्य बिहार में भी सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों को वेतनमान (Pay Dcale to Employed Teachers) दिया गया है।
इन मांगों की ओर दिलाया ध्यान
1: झारखंड के 62 हज़ार सहायक अध्यापकों को बिहार के तर्ज पर वेतनमान दिया जाए।
2: समझौता अनुरूप आकलन परीक्षा 100 अंक का किया जाए परीक्षा उपरांत वेतनमान ग्रेड पे का लाभ दिया जाए।
3: सहायक अचार्य नियुक्ति रद्द की जाए।
4: CTET को JTET के समकक्ष मान्यता दी जाए।
5: आंदोलन के क्रम में हुए केस को वापस लिया जाए।