नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सच बोलने की कीमत चुकाते हुए अपना बंगला अप्रैल में खाली कर दिया था।
जिसके बाद अब राहुल गाँधी कांग्रेस की दिग्गज दिवंगत नेता शीला दीक्षित (Shiela Dixit) के आवास में शिफ्ट हो सकते हैं। यह आवास B-2 Nizamuddin East की पहली मंजिल में है।
राहुल का नया ठिकाना
शीला दीक्षित 1991 से 1998 और फिर 2015 के बाद इसी घर में रही थीं। उनके बेटे संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने हाल ही में अपने परिचितों को एक अनौपचारिक संदेश भेजकर इलाके में अपने आवास को B-2 to A-5 में शिफ्ट करने की जानकारी दी थी।
अप्रैल में खाली कर दिया था सरकारी बंगला
राहुल गांधी ने सांसद सदस्यता जाने के बाद 22 अप्रैल को अपना सरकारी बंगला 12, तुगलक लेन (Tughlaq Lane) खाली कर दिया था।
बंगला खाली करने के बाद राहुल गांधी ने कहा था- मैंने ‘सच बोलने की कीमत चुकाई’ हैं। हिन्दुस्तान की जनता ने मुझे यह घर दिया था, जहां वो 19 साल से रह रहे थे।
प्रियंका गांधी ने किया भाई का समर्थन
इस दौरान उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा था, ‘भाई ने जो बोला वो सच है। उन्होंने सरकार के खिलाफ बोला इसलिए ये सब हो रहा है वो बहुत हिम्मत वाले हैं।
मैं भी उनके साथ हूं।’ राहुल गांधी को संसद सदस्य से अयोग्य ठहराए जाने पर लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) ने नोटिस भेजकर उनसे 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने को कहा था।
मोदी सरकार का कानून
दरअसल नेताओं से बंगले खाली कराने के मकसद से 2019 में मोदी सरकार (Modi government) एक कानून लेकर आई थी। इसके मुताबिक, समय पर बंगले खाली न करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
मोदी सरनेम बना बंगला खाली करने का कारण
राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान ‘मोदी सरनेम’ को लेकर बयान दिया था। इस बयान को लेकर BJP विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। उसी दिन से उनकी सदस्यता खत्म हो गई थी, इसलिए उनसे सरकारी बंगला खाली करवा लिया गया था।
हाई कोर्ट से मिला राहुल को झटका
राहुल ने कोर्ट के इस फैसले को गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) में चुनौती दी थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने भी 7 जुलाई को अपने फैसले में राहुल गांधी को झटका दे दिया। कोर्ट ने मानहानि मामले (Defamation Cases) में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।