रांची: मुख्यमंत्री Hemant Soren ने कहा कि राज्य के बच्चों को बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा (Better and Quality Education) देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस सिलसिले में सरकारी विद्यालयों को मजबूत किया जा रहा है।
विद्यालयों में आधारभूत संरचना और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ पठन-पाठन की नवीनतम एवं आधुनिक तकनीक (Latest and Modern Technology) से संबंधित संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं ।
26 हजार पदों पर बहाली की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी
सोरेन शुक्रवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (Department of School Education & Literacy) की ओर से संचालित योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करते हुए बोल रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और प्लस-टू विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करें, ताकि विद्यालयों का संचालन बेहतर तरीके से हो।
विभाग के सचिव के रवि कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि Plus-Two Schools में प्रधानाचार्य, शिक्षक और प्रयोगशाला सहायक के पदों पर नियुक्ति के लिए JSSC ने अधियाचना जारी कर दी गई है।
माध्यमिक विद्यालयों, मॉडल स्कूलों और अन्य श्रेणियों के विद्यालयों के लिए भी शिक्षक एवं प्रयोगशाला सहायक के पदों पर नियुक्ति (Appointment to the Posts of Teacher and Laboratory Assistant) की प्रक्रिया चल रही है। सहायक आचार्य के 26 हजार पदों पर बहाली की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी।
सभी सरकारी विद्यालयों का फिजिकल मैपिंग कराएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के Overall Development के लिए विद्यालयों में पठन-पाठन के अलावा खेल- संगीत जैसी एक्टिविटीज निरंतर चलनी चाहिए।
बच्चों के बीच तरह -तरह की प्रतियोगिताएं हों, ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ने का बेहतर माहौल मिले, इसके लिए जिलों में रीडिंग रूम की व्यवस्था सुनिश्चित करें। यहां सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ Wi-Fi की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को पठन-पाठन से संबंधित सामग्री और यूनिफॉर्म सत्र (Material and Uniform Session) शुरू होने के समय ही उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। राज्य में सभी सरकारी विद्यालयों का फिजिकल मैपिंग कराएं।
आवासीय विद्यालय बनाने की कार्य योजना बनाएं
जो भी विद्यालय भवन जर्जर हों, उसकी मरम्मत कराई जाए और इसमें गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाए। इसके साथ हर तीन वर्ष पर विद्यालयों का मेंटेनेंस (Maintenance of Schools) होना चाहिए।
सरकार ने जिस मकसद से स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल स्कूल (School Of Excellence And Model School) खोले हैं, उसका सार्थक परिणाम सामने आना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि समय-समय पर इन विद्यालयों का निरीक्षण कर यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक अलग आवासीय विद्यालय बनाने की कार्य योजना बनाएं। यहां बच्चों के पठन-पाठन के साथ-साथ खेल, संगीत, फिजिकल एजुकेशन देने आदि की भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि दिव्यांग बच्चे-बच्चियों की जो प्रतिभा है से निखार कर सामने लाया जा सके।
बोर्ड का परिणाम शुरू से शानदार रहा
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सरकारी विद्यालयों (Government Schools) के परिसर में पौधा लगाने का भी कार्य करें। इसके लिए वन विभाग को भी अपने साथ जोड़ें। इससे विद्यालयों में हरियाली बनी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय के बच्चे जिस तरह पढ़ाई के साथ कृषि और बागवानी करते हैं, उसी तरह कुछ सरकारी विद्यालयों को भी चयनित कर यहां के विद्यार्थियों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था शुरू करें ताकि उनका स्किल डेवलपमेंट हो सके।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, हजारीबाग राज्य के सबसे उत्कृष्ट विद्यालयों (Excellent Schools) में एक है। यहां का बोर्ड का परिणाम शुरू से शानदार रहा है।
बैठक में अपर सचिव कुमुद सहाय मौजूद
विद्यालय की बच्चियां हर वर्ष मैट्रिक बोर्ड (Matriculation Board) की मेधा सूची में अपना नाम दर्ज कराती रही हैं लेकिन वर्तमान में यहां की पढ़ाई की गुणवत्ता कुछ वजह से प्रभावित होने की बात सामने आई है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इस विद्यालय में जाकर पूरी व्यवस्था का आकलन करें और जो भी खामियां हो उसे दूर करें, ताकि इस विद्यालय की उत्कृष्टता हमेशा की तरह बरकरार रहे।
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार, निदेशक, झारखंड शिक्षा परियोजना किरण कुमारी पासी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा सुनील कुमार, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा नेहा अरोड़ा और अपर सचिव कुमुद सहाय मौजूद थे।