तिरुवनंतपुरम: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की केरल इकाई में इन दिनों में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है।
पार्टी की अंदरूनी कलह इस कदर बढ़ गई है कि अब राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को हस्तक्षेप करने को विवश होना पड़ा है।
पार्टी में दो गुट बन गए हैं और सुलह के लिए अब पवार ने राज्य इकाई के सभी नेताओं को दिल्ली तलब किया है।
केरल में इस वर्ष अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
लेकिन, उससे पहले ही पार्टी नेताओं में तलवारें खिंच गई हैं।
पाल विधानसभा सीट के आवंटन को लेकर पार्टी दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है।
पार्टी के एक नेता ने बताया कि शांतिवार्ता के लिए केरल के राकांपा नेताओं को 1 फरवरी को दिल्ली तलब किया गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल भी इस बैठक में शामिल होंगे।
पार्टी की अंदरूनी कलह को लेकर राकांपा नेता व पाल विधानसभा क्षेत्र के विधायक मणि सी. कप्पन ने मुंबई में पवार और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव जोसमन से मुलाकात की थी।
कप्पन ने आईएएनएस को बताया कि हम 1 फरवरी को पवार और पटेल से नई दिल्ली में मिलेंगे।
हमारे साथ राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष टीपी पीथांबरन, एके शशींद्रन और जोसमन भी रहेंगे।
कप्पन ने दावा किया कि केरल के परिवहन मंत्री एके शशींद्रन की पार्टी में कोई ताकत नहीं है।
उन्होंने अपने आधिकारिक आवास पर हाल ही में अपने खेमे के नेताओं के साथ जो बैठक बुलाई थी, वह बिल्कुल फ्लॉप रही, क्योंकि इसमें राकांपा के चंद कार्यकर्ता व नेता ही शामिल हुए।
माकपा, राकांपा से पाल सीट झटकना और इसे केरल कांग्रेस (मणि) को देना चाहती है।
इसके फलस्वरूप राकांपा नेताओं में वाक्युद्ध तेज हो गया है।
केरल कांग्रेस (मणि) सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की नई सहयोगी पार्टी है।
बहरहाल, राकांपा का कहना है कि इसके प्रत्याशी ने पाल उप-चुनाव में केरल कांग्रेस (मणि) के उम्मीदवार को पराजित किया था।
अतएव, यह सीट उसे उपहार में देने का कोई मतलब नहीं बनता।