बीजिंग: मिस्र की स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री हला जायद ने 24 जनवरी को घोषणा की कि मिस्र ने 25 जनवरी से चिकित्सा कर्मचारियों को चीन के साइनोफार्मा द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया।
जायद ने उस दिन अबू खलीफा आपातकालीन अस्पताल में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 25 जनवरी से मिस्र में सभी सार्वजनिक अस्पतालों, पुलिस और सैन्य चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीन देने का काम शुरू हुआ और कोविड-19 से संक्रमित रोगियों का इलाज करने वाले मेडिकल कर्मियों को प्राथमिकता दी गयी।
चिकित्सा कर्मचारियों के बाद, बुजुर्ग, प्रतिरक्षा प्रणाली की बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को टीका लगाया जाएगा और अंत में सामान्य लोगों को टीका लगाया जाएगा।
मिस्र के स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के सदस्य और मिस्र के राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र, वायरोलॉजी के प्रोफेसर मुहम्मद अहमद अली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन के साइनोफार्मा के वैक्सीन का मिस्र में नैदानिक परीक्षण किया जा चुका है और मैं वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता की गारंटी देता हूं।
अबू खलीफा आपातकालीन अस्पताल में काम करते हुए डाक्टर अब्देल मोनीम सलीम ने उसी दिन चीनी कोरोना वैक्सीन लगवाया, जो मिस्री मेडिकल कर्मचारियों में वैक्सीन प्राप्त करने वाले पहली खेप वालों में से एक बन गया।
उनके मुताबिक, चीनी टीका सुरक्षित और प्रभावी है। उन्होंने मिस्री लोगों को टीकाकरण की सलाह दी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)