समस्तीपुर: चर्चित चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज (Election Strategist and Jansuraj) पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने बुधवार को चुनाव लड़ने के संकेत देते हुए कहा कि जन सुराज चुनाव लड़ेगा या नहीं इस पर अक्टूबर तक निर्णय लिया जाएगा।
पदयात्रा खत्म करने में 2 से 3 साल
उन्होंने कहा कि पदयात्रा के दौरान लोगों के सुझाव आए हैं कि पूरी पदयात्रा खत्म करने में 2 से 3 साल लग जाएंगे। जिन जिलों में पदयात्रा खत्म हो चुकी है और संगठन बन गया है, उन जिलों में जन सुराज को राजनीतिक रूप दिया जाए।
प्रशांत किशोर ने कहा…
उन्होंने आगे कहा कि यह संभव है कि अगले 2 से 3 महीने में जिन जिले में पदयात्रा समाप्त हो चुकी है, जहां संगठन बन गया है और लोग जन सुराज से जुड़ गए हैं, वहां लोग मिलकर यह निर्णय ले सकते हैं कि लोग चुनाव लड़ेंगे।
चुनाव लड़ने के दो तरीके
Prashant Kishore ने साफ किया कि जनसुराज में चुनाव लड़ने के दो तरीके हो सकते हैं कि कोई निर्दलीय को मदद की जाए या जन सुराज पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाए। अब इसका रूप क्या होगा ये अक्टूबर के आसपास निर्णय होने की संभावना है।
जाति पर वोट करते हैं बिहार के लोग
उन्होंने आगे यह भी कहा कि बिहार में जाति एक बड़ी सच्चाई है। लेकिन, बिहार में जाति उतनी ही बड़ी सच्चाई है, जितना कि UP, गुजरात और कर्नाटक में है। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि हर आदमी बिहार में जाति पर वोट कर रहा है, ये सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक जिले में पदयात्रा (Padyatra) खत्म होने में 50 से 60 दिन लग रहा है।