रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने राजधानी रांची स्थित टैगोर हिल के ऊपर स्थित ब्रह्म मंदिर (Brahma Mandir) को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के मामले (Cases of Declaration of National Heritage) में फैसला सुरक्षित रखा है।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई की।
ब्रह्म मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का आग्रह करने वाली सोसाइटी ऑफ प्रिजर्वेशन ऑफ ट्राईबल कल्चर एंड नेचुरल ब्यूटी (Society of Preservation of Tribal Culture and Natural Beauty) ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है।
सोमवार को मामले की सुनवाई की
इस मामले में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि टैगोर हिल का ब्रह्म मंदिर राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने योग्य नहीं है, इसके लिए कुछ मापदंड होते हैं, जो ब्रह्म मंदिर पूरा नहीं करता है।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने कोर्ट को बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग की मंजूरी के बाद टैगोर हिल की मरम्मत के लिए 69 लाख 30 हजार रुपये राज्य सरकार ने स्वीकृत कर दिया है। राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शैलेश पोद्दार, केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव (Prashant Pallav) ने पैरवी की। मामले में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई की।
राज्य सरकार संरक्षण और देखभाल का कोई कार्य नहीं कर रही
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने इनसे पूछा था कि टैगोर हिल के ऊपर स्थित ब्रह्म मंदिर के संरक्षण एवं इसे राष्ट्रीय धरोहर (National heritage) घोषित करने को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि टैगोर हिल के ऊपर स्थित ब्रह्म मंदिर 113 साल पुराना है, जिसे गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिंद्र नाथ टैगोर ने बनवाया है।
यह ब्रह्म मंदिर (Brahma Mandir) आज जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है और टूट रहा है। राज्य सरकार इसके संरक्षण और देखभाल का कोई कार्य नहीं कर रही है।