रांची : रांची के DC राहुल सिन्हा और SSP किशोर कौशल के नेतृत्व में रविवार की देर रात बिरसा सेंट्रल जेल (Birsa Central Jail) में 3 घंटे तक लगातार छापेमारी (Raid) की गई।
छापेमारी की खबर से कैदियों में हड़कंप मच गया। शहर में सांगठनिक अपराधिक गिरोहों (Organized Crime Gangs) पर नकेल कसने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन ने अब कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है।
छापेमारी के दौरान जेल में एक एक कैदी की गहन तलाशी ली गई। पुलिस को जेल से किसी तरह की कोई आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है।
पहले भी की गई थी छापेमारी
गैंगस्टर्स (Gangsters) द्वारा जेल में रहते हुए मोबाइल के प्रयोग की खबर को लेकर पहले भी रांची के साथ-साथ धनबाद और हजारीबाग की जेलों में छापेमारी होती रही है।
इसके पहले भी बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में छापेमारी हुई थी, उस समय जेल के भीतर से डेढ़ सौ से अधिक मोबाइल सिम एक्टिव पाए गए थे।
पुलिस मुख्यालय ने जेल के भीतर सक्रिय सिमकार्ड नंबर, व्हाट्सएप नंबर, IMEI नंबर और वर्चुअल नंबर के ब्यौरे के साथ यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी।
मनी लांड्रिंग केस के कई आरोपी इसी जेल में
यदि महत्वपूर्ण बात है कि झारखंड में ED और आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद कई लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है। झारखंड के मनी लान्ड्रिंग केस (Money laundering case) के कई प्रमुख आरोपी भी इसी जेल में बंद हैं।
इसमें निलंबित खान सचिव पूजा सिंघल, रांची के पूर्व DC छवि रंजन, अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, प्रेम प्रकाश और बच्चू यादव जैसे लोग शामिल हैं।