जमशेदपुर : सरकारी डॉक्टरों को अपनी निजी प्रैक्टिस (Government Doctors Private Practice) के बारे में सिविल सर्जन (Civil Surgeon) को जानकारी देनी है, लेकिन इसे लेकर किसी को कोई फिक्र नहीं है।
बता दें कि सरकारी डॉक्टरों के बारे में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सिविल सर्जन (Civil Surgeon) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इस संबंध में सिविल सर्जन (Civil Surgeon) ने सभी सरकारी डॉक्टरों से अंडरटेकिंग देने को कहा है। 5 दिनों के बाद भी किसी डॉक्टर ने अपनी क्लीनिक और निजी प्रैक्टिस के विषय में कोई जानकारी नहीं दी है।
दोबारा रिमाइंडर भेजने की हो रही तैयारी
बताया जाता है कि इस विषय में सिविल सर्जन की ओर से डॉक्टरों को दोबारा रिमाइंडर भेजने की तैयारी हो रही है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी चिकित्सक (Government Doctor) निजी प्रैक्टिस करते हैं या नहीं, इस बारे में जानकारी देंगे। अगर करते हैं तो क्लीनिक में कितना समय देते हैं, क्लीनिक कहां है, कितने समय तक वहां सरकारी चिकित्सक बैठते हैं, इस संबंध में सभी से अंडरटेकिंग लेने को कहा गया है। जिले में करीब 125 सरकारी चिकित्सक हैं। इनमें 90% से अधिक निजी प्रैक्टिस करते हैं।
निजी प्रैक्टिस पर रोक नहीं है
झारखंड (Jharkhand) में सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर बाकायदे रोक नहीं है। बस, इसके लिए विभाग को शपथ पत्र देना पड़ता है।
नियम के उल्लंघन पर डॉक्टरों पर कार्रवाई भी की जाती है। यह भी नियम है कि कार्यस्थल से आधे किमी की परिधि में सरकारी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस नहीं करेंगे।