रांची: बुधवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र (Assembly Monsoon Session) में झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक 2023 (Jharkhand Advocates Welfare Fund (Amendment) Bill) पारित हो गया। अब यह बिल राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
वहां से ओके होने के बाद लागू हो जाएगा। इस बिल के प्रावधानों से स्पष्ट होता है कि हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) ने राज्य के 30 हजार से अधिक वकीलों को तो राहत दे दी मगर जनता पर पोस्ट डाल कर।
सरकार ने वकीलों की वकालतनामा स्टांप दर 15 रुपए से बढ़ा कर 30 रुपए कर दिया है। सीधे 100 प्रतिशत वृद्धि।
वकीलों ने दिल का किया स्वागत
इस बिल को लेकर यह चर्चा जोरों पर है कि एक ओर जहां सरकार ने वकीलों को बड़ी राहत प्रदान की है, वहीं आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया गया है।
बिल पास होने के बाद वकीलों ने राहत का स्वागत किया, मगर आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि वकीलों को राहत दिए जाने से कोई दिक्कत नहीं है।
इसका बोझ गरीब जनता पर डालना गलत है। सरकार को इसे अनुदान के तौर देना चाहिए। इसका बोझ जनता पर नहीं डालना चाहिए। इसका समर्थन माले विधायक विनोद सिंह ने भी किया।