नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर राजधानी में दिनभर चले हंगामे के बाद पुलिस ने एक बार फिर किसानों से दिल्ली खाली करके अपने प्रदर्शन स्थल बॉर्डर पर वापस लौटने की अपील की है।
पुलिस की तरफ से कहा गया है कि अभी तक संयम से काम लिया गया है और हंगामे के दौरान उनके 18 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं।
दिल्ली पुलिस के आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि कई दौर की बैठकों के बाद ट्रैक्टर रैली के लिए समय और मार्गों को अंतिम रूप दिया गया।
इसके बावजूद किसानों ने तय समय से पहले ही ट्रैक्टर परेड निकाल दी और आन्दोलन के नाम पर बर्बरता की, जिसमें कई पुलिस कर्मी घायल हो गए।
सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है।
मैं प्रदर्शनकारी किसानों से हिंसा में लिप्त न होने, शांति बनाए रखने और नामित मार्गों से लौटने की अपील करता हूं।
दिल्ली पुलिस ने दिया संयम का परिचय
दिल्ली पुलिस के एडिशनल प्रवक्ता अनिल मित्तल के अनुसार आज की ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ तय हुई शर्तों के अनुसार काम किया।
उन्होंने इसे लेकर सभी आवश्यक इंतजाम किए थे।
दिल्ली पुलिस ने अंतिम समय तक संयम का परिचय दिया लेकिन किसान आंदोलनकारियों ने तय की गई शर्तों का उल्लंघन किया।
उन्होंने तय समय से पहले ही अपना मार्च शुरू करके हिंसा व तोड़फोड़ का रास्ता चुना।
इसको देखते हुए दिल्ली पुलिस कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम के साथ जरूरी कदम उठा रही है।
18 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल
इस आंदोलन में न केवल संपत्ति को नुकसान हुआ है बल्कि 18 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
इस दौरान ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत भी हुई है।
उन्होंने आंदोलनकारियों से अपील की है कि वह हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति बनाए।
इसके अलावा आईटीओ और लाल किले से शांतिपूर्ण वापस लौट कर अपने प्रदर्शन स्थल पर चले जाएं।
आंदोलनकारियों पर बरती जा सकती है सख्ती
गृह मंत्रालय की बैठक के बाद दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वह आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटें।
हिंसा के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से 10 कंपनियां सीआरपीएफ की और 15 कंपनियां अर्द्धसैनिक बलों की तैनात की जा रही हैं।
पुलिस कमिश्नर की तरफ से भी कहा गया है कि आईटीओ और लाल किले पर मौजूद आंदोलनकारियों को वहां से हटाने के लिए प्रयास किए जाएं और उनके साथ सख्ती से निपटा जाए।