वाशिंगटन : अमेरिका (America) और भारत (India) के रिश्तों में मजबूती की नई इबारत लिखने की तैयारी है।
अमेरिकी संसद की मंजूरी मिली तो भारतीय स्वतंत्रता दिवस (Indian Independence Day) का जश्न अमेरिका में राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। अमेरिकी संसद में इस आशय का प्रस्ताव पेश किया गया है।
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद थानेदार की अगुवाई में भारतीय अमेरिकी सांसदों के दल ने भारत के स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) को अमेरिका में भी राष्ट्रीय दिवस (National Day) के जश्न के तौर पर मनाने की पहल की है।
इन सांसदों ने अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (Lower House of Representatives) में प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत भारत के स्वतंत्रता दिवस को दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रीय दिवस के जश्न (Celebration) के तौर पर घोषित करने का आग्रह किया गया है।
अमेरिका और भारत का रिश्ता मज़बूत
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी, जिसकी जड़ें दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है, वह वैश्विक लोकतंत्र और शांति, स्थायित्व और समृद्धि बढ़ाने के लिए साथ काम करती रहेगी।
दोनों देशों के बीच समान हितों और स्वतंत्रता…
इस प्रस्ताव को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (House of Representatives) में सांसद श्री थानेदार (Shri Thanedar) की तरफ से पेश किया गया है।
इसे सांसद बडी कार्टर और ब्रैड शर्मन की तरफ से भी प्रायोजित किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि PM नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) 22 जून को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर आए थे और उन्होंने दोनों देशों के समान हितों और स्वतंत्रता, लोकतंत्र, बहुलतावाद, कानून के शासन, मानवाधिकार के सम्मान के प्रति साझा प्रतिबद्धताओं के आधार पर विश्वास और आपसी समझ को एक नए स्तर पर स्थापित किया।
क्या कहा गया प्रस्ताव में
प्रस्ताव में कहा गया है कि भारतीय विरासत वाले अमेरिकी नागरिक देश में सार्वजनिक जीवन को सरकारी अधिकारी, सैन्यकर्मी और कानून लागू करने वाले अफसर बनकर बढ़ाते हैं। यह लोग अमेरिकी संविधान के सिद्धांतों का समझदारी से पालन करते हैं।
देश की अनेकता को समृद्ध करने में अहम योगदान देते हैं। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि भारत के स्वतंत्रता दिवस के जश्न को अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के साथ मनाया जाना जरूरी और अहम है।
इससे दोनों देश उन लोकतांत्रिक सिद्धांतों (Democratic Principles) की तस्दीक कर सकते हैं, जिनके आधार पर उनका जन्म हुआ था।