कोडरमा: जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय परिसर में बुधवार को व्यवसाई संघ के बैनर तले धरना दिया गया। इसमें सैकड़ों की संख्या में पत्थर खदान और क्रशर से जुड़े व्यवसाई और मजदूर शामिल हुए।
इस दौरान बतौर मुख्य वक्ता जिला परिषद अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने कहा कि सरकार को पत्थर व्यवसाय में आ रही जटिलताओं को कम करना चाहिए, ताकि जिले का यह व्यवसाय जिंदा रह सके।
उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय से जिले के हजारों परिवार जुड़े हुए हैं और यहां का जीविकोपार्जन का मुख्य कार्य यही है। लेकिन बार-बार अवैध खनन या अवैध क्रशर कहकर व्यवसायियों को तंग किया जाता है और इस वजह से पत्थर व्यवसाई परेशान होते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि शिविर लगाकर इनकी समस्याओं का समाधान करें और लाइसेंस निर्गत करें, ताकि अवैध कहलाने के धब्बा से इन्हें निजात मिल सके।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग सिर्फ बयानबाजी करते हैं, इलाके की बेहतरी के लिए कुछ नहीं दिखता, व्यवसायियों को ऐसे लोगों से भी बचने की जरूरत है। अन्य वक्ताओं ने कहा कि सन 2014 तक जिले में तकरीबन 400 क्रशर का भंडारण का लाइसेंस प्राप्त था जबकि प्रदूषण के नियमों में बदलाव के कारण क्रेशर के लाइसेंस के लिए ढाई सौ मीटर की अनिवार्यता मुख्य मार्ग से कर दी गई।
साथ ही जहां पर पूर्व में हम लोग जमीन नोटराइज्ड कागजात के आधार पर कार्यालय से मिल जाया करता था। लेकिन बाद में सिर्फ रजिस्टर्ड कागजात की मांग की गई जिससे भी अधिकांश का लाइसेंस लंबित हो गया।