रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्ष में हमारी सरकार कई चुनौतियों के बीच मजबूत कदमों के साथ आगे बढ़ रही है।
हमारी सरकार ने बिना कोई अफरा-तफरी के कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से राज्यवासियों को बचाने का काम किया। हमारी सोच है कि हम झारखंड की जड़ को मजबूत करें।
हालात जैसे भी हों राज्य में विकास के कार्य अवरुद्ध नहीं होने चाहिए। झारखंड हर दिन विकास की नई ऊंचाइयों को छुए, इस निमित्त एक बेहतर कार्य योजना बनाते हुए राज्यवासियों की भावना के अनुरूप हमारी सरकार चल रही है।
सरकार ने हजारों की संख्या में सरकारी वैकेंसी पर नियुक्ति की
मुख्यमंत्री सोरेन सोमवार को रेडिसन ब्लू में आयोजित “बदलते झारखंड की बात” विजन 2024 कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हजारों की संख्या में सरकारी वैकेंसी पर नियुक्ति की है।
जल्द बड़ी संख्या में और भी सरकारी नियुक्तियां की जाएंगी। झारखंड के इतिहास में पहली बार बड़ी संख्या में पशु चिकित्सक, फॉरेंसिक लैब साइंटिस्ट इत्यादि की नियुक्तियां की गई हैं।
हजारों की संख्या में और भी अलग-अलग क्षेत्रों में भी सरकारी नियुक्तियां हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समावेशी विकास के लिए सरकारी नौकरी की भूमिका के साथ-साथ स्वरोजगार की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
हमारी सरकार ने ऐसे कानून भी बनाए हैं कि झारखंड में स्थापित उद्योग सेक्टर में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को ही नौकरी मिले यह सुनिश्चित किए जाए।
हाल के दिनों में ही हमारी सरकार ने 10 हजार से ज्यादा स्थानीय युवक-युतियों को नामी-गिरामी औद्योगिक संस्थाओं में नियोजन हेतु ऑफर लेटर देने का काम किया है।
राज्य में स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना (Employment Generation Scheme) के तहत 100 करोड़ से अधिक की राशि ऋण स्वरूप लोगों के बीच वितरण की गई है, जिसका लाभ लेकर लोग स्वावलंबी बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य में दो चरणों में “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम चलाया गया। यह कार्यक्रम काफी सफल भी रहा।
हेमंत सोरेन ने कहा…
कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की भौगोलिक संरचना के अनुसार सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाना था।
सोरेन ने कहा कि राज्य में बहुत ऐसे दुर्गम गांव हैं, जहां के लोग BDO, CO, DC, SP को देखे तक नहीं हैं।
हमने ऐसी चीजों को समझने का प्रयत्न किया। हमारी सरकार की सोच है कि आखिर ऐसे गांवों तक सरकार की योजनाओं को कैसे पहुंचाया जा सके।
हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने बंद कमरों में नहीं, बल्कि लोगों के घरों तक पहुंच कर उनकी आवश्यकता के अनुरूप कार्य योजना बनाने का काम किया है, जिससे वास्तविक तौर पर योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंच रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “सरकार आपके द्वार” के दोनों चरणों में लगभग 90 लाख से अधिक आवेदन मिले। राज्य सरकार द्वारा आम जनता से प्राप्त हुए आवेदनों का लगभग शत प्रतिशत समाधान किया गया है।
झारखंड खून-पसीने से सींचा हुआ राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खून-पसीने से सींचा हुआ राज्य है। झारखंड देश के अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग है। अलग झारखंड के लिए न जाने कितने वीर पुरुषों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य को अलग हुए लगभग 22 साल हो गए हैं फिर भी यहां के मूलवासी-आदिवासियों की पहचान धुंधली सी है। आदिवासियों की संस्कृति को बचाने का पूरा प्रयास हमने किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति, सरना धर्म कोड इत्यादि विधानसभा से पारित कर आगे बढ़ाने का काम किया है।
कानूनी अड़चनों की वजह से ये मामले कभी राज्यपाल तो कभी केंद्र सरकार के यहां जाकर फंस जाते थे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि राज्यवासियों की मूल भावना को ताकत मिले और हम इसी अनुरूप कार्य करने पर अड़े हैं।
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में सभी वर्ग के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन प्राप्त हो, इस निमित्त कई महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई गई हैं।
शिक्षा व्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव लाते हुए उत्कृष्ट विद्यालयों की शुरुआत की गई है। CBSE पैटर्न की तर्ज पर उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षा दी जा रही है।
बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी सरकार की है
उत्कृष्ट विद्यालयों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ निजी विद्यालयों की तर्ज पर होनहार बच्चों को शिक्षा मिले इस निमित्त बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी सरकार की है।
उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता परीक्षा (Competitive Exam) से लेकर उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण करने हेतु कई योजनाओं को चलाकर प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध कराई जा रही है।
कोचिंग के लिए भी आर्थिक सहयोग बच्चों को हमारी सरकार दे रही है। आदिम जनजाति के बच्चे भी आगे चलकर बड़े पदाधिकारी बन सकें, इस निमित्त उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इन वर्गों के बच्चों को नि:शुल्क छात्रावास एवं कोचिंग की व्यवस्था (Free Hostel and Coaching Arrangements) की गई है। क्षेत्र में हमारी सरकार पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रही है और आगे भी जनकल्याण के कार्य होते रहेंगे।