रामगढ़ : कैग की रिपोर्ट (CAG report) पर कांग्रेस ने इस बार भाजपा सरकार को घेरा है। कैग की रिपोर्ट के आधार पर रामगढ़ में कांग्रेस की दिग्गज नेता और मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की (Shilpi Neha Tirkey) ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
शुक्रवार को रामगढ़ पहुंची तो मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार ना खाएंगे ना खाने देंगे की बात कर रही थी।
लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो पता चला कि वह खा भी रहे हैं और अपने अमीर दोस्तों को खिला भी रहे हैं।
शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) का खुलासा कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया ने ऐसा किया है जिसे देखकर आंखें फट गई।
पिछले 5 वर्षों में 144.83 करोड रुपए दिए गए
उस रिपोर्ट के अनुसार डेटाबेस में मृतक के रूप में दर्ज 3446 रोगियों के इलाज के लिए 6.97 करोड रुपए आवंटित कर दिए गए। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एक ही मोबाइल नंबर पर कई लाभार्थियों का पंजीकरण किया गया।
7.49 लाख लोगों को एक ही मोबाइल नंबर 9999999999 पर पंजीकृत कर दिया गया। ऐसा ही दो और नंबर भी जांच रिपोर्ट में दर्शाया गया है।
शिल्पी नेहा तिर्की (Shilpi Neha Tirkey) ने बताया कि इसी प्रकार कई राज्यों में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत 53 प्रतिशत संस्थान फर्जी पाए गए हैं।
जिन्हें पिछले 5 वर्षों में 144.83 करोड रुपए दिए गए हैं। यह सारे संस्थान अस्तित्व में ही नहीं पाए गए हैं।
अटल पेंशन योजना में आम नागरिकों द्वारा जमा की गई राशि का उपयोग मोदी सरकार ने अपने प्रचार प्रसार में लगा दिया।
2017 और 2021 के बीच केंद्र के सामाजिक सहायता योजना के 2103 लाभार्थियों को उनके मृत्यु के बाद पेंशन दी गई।आखिर यह सारा पैसा कहां गया? इसका पता लगाना जरूरी है।
शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा…
शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि टी बोर्ड ऑफ इंडिया (Tea Board of India) को Tribalसब प्लान के लिए बजट आवंटन निर्धारित करना है।
जिसे केंद्रीय मंत्रालय से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए धन दिया जाना चाहिए।
नीति आयोग अनुसूचित जाति उप योजना के लिए 8.3 प्रतिशत धनराशि का अनिवार्य आवंटन प्रदान करता है। जिसमें केवल तीन प्रतिशतइस उद्देश्य के लिए निर्देशित किया गया था।
अनुसूचित जनजाति उपयोजना (Scheduled Tribe Sub Plan) का आवंटन निधि का 4.3प्रतिशत आवंटन होना चाहिए था। लेकिन केवल दो प्रतिशत किया गया।
कैग की रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि एक लाभार्थी के खाते में 1.55 करोड रुपए पड़े थे। लेकिन उसके कंपनी अस्तित्व में ही नहीं थी।
पांच टोल प्लाजा से 132 करोड रुपए की राशि वसूली गई
ऐसे ही घोटाले टोल प्लाजा पर भी किया गया है। केंद्र सरकार अपने किसी चाहते को लाभ पहुंचाने के लिए निर्माणाधीन सड़क पर ही टोल प्लाजा का संचालन शुरू करवा देती है।
ऐसे पांच टोल प्लाजा (Toll Plaza) से 132 करोड रुपए की राशि वसूली गई। सबसे बड़ी बात का खुलासा कैग ने द्वारका एक्सप्रेसवे को लेकर किया है।
जब इस सड़क के निर्माण के लिए बजट तैयार किया गया था तो 18 करोड़ प्रति किलोमीटर की रकम तय की गई थी। लेकिन आज यह रकम 250 करोड़ प्रति किलोमीटर हो गई है।
किसी भी योजना में 90 प्रतिशत Increment किसी ने भी नहीं देखा है। केंद्र सरकार आम नागरिकों के पैसे अपने अमीर दोस्तों के बीच लूट रही है और लोगों को बेवकूफ बना रही है।