पलामू: बिहार के दो राइस मिल संचालकों (Rice Mill Operators) के खिलाफ मेदिनीनगर शहर थाना में प्राथमिक की दर्ज (FIR) कराई गई है।
दोनों संचालकों पर झारखंड से धान लेने के बाद 17000 क्विंटल चावल वापस नहीं करने का आरोप लगाया गया है।
जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह राज्य खाद्य निगम के पलामू प्रबंधक प्रीति किस्को ने प्राथमिक दर्ज कराई है, जिसमें बिहार के रोहतास के हरनाथपुर के जय बजरंग एग्रो फार्म प्राइवेट लिमिटेड (Jai Bajrang Agro Farm Private Limited) के रामचंद्र सिंह एवं सासाराम के रहने वाले और मैसर्स सिंघानिया एग्रो प्राइवेट लिमिटेड के संचालक राजेश प्रसाद शामिल है।
सिंघानिया एग्रो के पास 6932 क्विंटल चावल का बकाया
जय बजरंग एग्रो प्राइवेट फॉर्म लिमिटेड ने पलामू से 42181 क्विंटल धान का उठाव किया था। इसमें से मात्र 18237 क्विंटल चावल वापस किया, जबकि मैं सिर्फ सिंघानिया एग्रो प्राइवेट लिमिटेड (Singhania Agro Private Limited) ने पलामू से 6618 कुंटल धान का उठाव किया था, जिसमें से 34424 कुंतल चावल ही वापस किया।
जय बजरंग एग्रो (Bajrang Agro) के पास 10445, जबकि सिंघानिया एग्रो के पास 6932 क्विंटल चावल का बकाया है।
खरीफ विपणन मौसम 2021-22 में पलामू में झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन (Jharkhand State Food Corporation) के पैक सिलेबस के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की गई थी।
धान खरीद के बाद मिलर के साथ इकरारनामा किया गया था। इस इकरारनामा में धान के आवाज में 68 प्रतिशत सीएमआर चावल को भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में जमा किया जाना था।
अवधि विस्तार के बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया गया
भारत सरकार की तरफ से चार बार मिलो का अवधि विस्तार किया गया, बावजूद भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में चावल को जमा नहीं किया गया।
जिला पूर्ति पदाधिकारी कर राज्य खाद्य निगम के पलामू जिला प्रबंधक प्रीति किस्को (Preeti Kisco) ने बताया कि पूरे मामले में टाउन थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है। चार बार अवधि विस्तार के बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया गया।