नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को UPSC को उन अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी करने का निर्देश दिया, जिन्हें EWS प्रमाणपत्रों में मामूली लिपिकीय त्रुटियों या उनके शैक्षणिक संस्थानों द्वारा अंतिम डिग्री जारी न किए जाने के कारण आगामी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी।
दो उम्मीदवारों को राहत
न्यायमूर्ति ए.एस. बोप्पना (A.S. Boppana) और प्रशांत कुमार मिश्रा (Prashant Kumar Mishra) की पीठ ने दो उम्मीदवारों को राहत दी, जिन पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा नियम, 2023 के तहत शैक्षिक योग्यता के प्रमाण के रूप में केवल अपनी अंतिम डिग्री जमा करने पर जोर दिया था।
अधिवक्ता गौरव अग्रवाल और तान्या श्री ने दलील दी कि ये याचिकाकर्ता, जो प्रासंगिक समय पर अपने अंतिम वर्ष में थे, ने अपने संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा जारी किए गए अपने बोनाफाइड प्रमाणपत्र (Bonafide Certificate) को एक शपथ पत्र के साथ अपलोड किया था कि वे उपलब्ध होते ही अपनी अंतिम डिग्री जमा कर देंगे।
UPSC के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति
याचिकाकर्ताओं, जिन्होंने विधिवत प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की है, ने शैक्षिक योग्यता के अपेक्षित प्रमाण जमा नहीं करने के आधार पर 1 सितंबर और 31 अगस्त को केंद्रीय आयोग द्वारा “मनमाने ढंग से और अनुचित तरीके से उनकी उम्मीदवारी रद्द करने” को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया।
उल्लेखनीय है कि योग्यता डिग्री परीक्षा के अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को UPSC के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति है।
10 उम्मीदवारों को मिली राहत दी
इसी तरह, 10 उम्मीदवारों को राहत दी गई, जिन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम प्राधिकारी द्वारा त्रुटि या आय और संपत्ति प्रमाण पत्र अपलोड न करने जैसी तकनीकी खामी के आधार पर उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
याचिका में कहा गया…
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के अनुसार, इन उम्मीदवारों के पास 21 फरवरी की कट-ऑफ (Cut-off) तारीख से पहले सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आय और संपत्ति प्रमाण पत्र थे।
याचिका में कहा गया है कि मामूली विसंगतियों के आधार पर उन्हें प्रवेश पत्र जारी न करने की कार्रवाई से अनुचितता और स्पष्ट मनमानी की बू आती है जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक रोजगार के मामलों में समान अवसर से इनकार किया जाता है।