नई दिल्ली : ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ समिति (‘One Nation, One Election’ Committee) की अध्यक्षता करने वाले पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने शनिवार को कहा कि इसकी पहली बैठक 23 सितंबर को होगी।
पूर्व राष्ट्रपति ने मीडिया में यह पुष्टि की। यह बैठक संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के समापन के एक दिन बाद होगी।
इस महीने की शुरुआत में, केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ अवधारणा (‘One Nation, One Election’ concept) की जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
रामनाथ कोविंद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा, सरकार ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आज़ाद, 15 वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप को इसके सदस्यों के रूप में नामित किया था।
अधीर रंजन चौधरी ने हिस्सा बनने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया
वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी (Sanjay Kothari) भी पैनल में शामिल हैं। हालांकि, अधीर रंजन चौधरी ने हिस्सा बनने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था।
गजट अधिसूचना के अनुसार, समिति न केवल लोकसभा और विधानसभा चुनाव, बल्कि नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव भी एक साथ कराने की व्यवहार्यता पर गौर करेगी।
समिति त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव दल-बदल या ऐसी कोई अन्य घटना होने पर एक साथ चुनाव से जुड़े संभावित समाधानों का विश्लेषण और सिफारिश करेगी।
सरकार ने अधिसूचना में कहा कि राष्ट्रीय, राज्य, नागरिक निकाय और पंचायत चुनावों के लिए वैध मतदाताओं के लिए एक एकल मतदाता सूची और पहचान पत्र (Voter List and Identity Card) की खोज की जाएगी।