रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में रांची के जलस्रोतों के अतिक्रमण को लेकर स्वत: संज्ञान की सुनवाई मंगलवार को हुई। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि इस वर्ष मानसून में अब तक कम वर्षा हुई है। रांची के लोगों को पेयजल की समस्या ना हो इसके लिए क्या एक्शन प्लान है।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 31 अक्टूबर निर्धारित की।
इस वर्ष दिसंबर के बाद से पेयजल की समस्या रांची में होने लगेगी
कोर्ट ने रांची नगर निगम को शहर के जल स्रोतों कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम, हिनू नदी के आसपास से अतिक्रमण हटाने एवं इन जल स्रोतों में सॉलि़ड एंड लिक्विड कचरा जाने से रोकने के संबंध में जवाब मांगा है।
इससे पहले एमिकस क्यूरी इंद्रजीत सिंह ने कोर्ट को बताया कि मानसून में इस साल अबतक रांची में 27 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इस वर्ष दिसंबर के बाद से पेयजल की समस्या रांची में होने लगेगी।
ऐसे में सरकार कैसे इस समस्या से कैसे लड़ेगी, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता LCM सहदेव ने पैरवी की।
कोर्ट ने कड़ा आदेश पारित करने की बात भी कही
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम को डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम, हिनू नदी के अलावा बड़ा तालाब के आसपास से अतिक्रमण हटाने को कहा था, अतिक्रमण नहीं हटने पर कोर्ट ने कड़ा आदेश पारित करने की बात भी कही थी।
रांची के जल स्रोतों यथा कांके डैम, धुर्वा डैम एवं गेतलसूद डैम की जमीन का अतिक्रमण (Land Encroachment) किए जाने मामले में भी कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।