रांची : DGP अजय कुमार सिंह (DGP Ajay Kumar Singh) ने पुलिस की मीडिया नीति से संबंधित आदेश जारी किया है।
इसके तहत अब पुलिस अधिकारी और थाना प्रभारी मीडिया (Police Officer and Station Incharge Media) से संवाद नहीं करेंगे।
इसका मकसद है कि पुलिस विभाग की नीति के अनुसार उस समय मीडिया को संबंधित सूचना सही समय पर उपलब्ध कराई जाए जब अनुसंधान की प्रक्रिया प्रतिकूल रूप से बाधित न हो और पुलिस अभियान में बाधा उत्पन्न ना हो। साथ ही पुलिसकर्मियों की सुरक्षा खतरे में ना हो।
पीड़ित और आरोपित के कानूनी और मूलभूत अधिकारों का हनन ना हो। इससे राष्ट्रीय हितों (National interests) पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
SP की ओर से मीडिया से वार्ता की जायेगी
आदेश में कहा गया है कि पुलिस मुख्यालय के लिए DGP और उनके जरिये प्राधिकृत पुलिस प्रवक्ता ही पुलिस से संबंधित मीडिया को जानकारी दे सकेंगे।
प्रत्येक जिले के कार्यालय में एक मीडिया सेल की शाखा होगी, जिसके प्रभारी मुख्यालय स्थित ASP और DSP होंगे। जिले में SP और प्रभारी मीडिया के जरिये संबंधित जानकारी मीडिया को दी जाएगी।
सामान्य रूप से मीडिया ब्रीफिंग का स्थान कार्यालय कक्ष होगा और प्रतिदिन निर्धारित समय शाम के चार बजे से छह बजे के बीच निर्धारित होगा। इसकी सूचना यथा समय सभी मीडियाकर्मियों को दी जायेगी।
इसके अलावा पुलिस से संबंधित मामलों जैसे बड़ी आपराधिक और विधि-व्यवस्था की घटना, महत्वपूर्ण उद्भेदन-गिरफ्तारी, बरामदगी एवं अन्य उपलब्धि पर स्वयं जिला SP की ओर से मीडिया से वार्ता की जायेगी।
गुप्त और तकनीकी सूत्रों को मीडिया के समक्ष प्रकट नहीं किया जायेगा
जिला SP की ओर से मीडिया सेल शाखा में घटना की परिस्थिति के अनुसार घटनास्थल, थाना या अन्य कार्यालय में प्रेस से संवाद किया जा सकता है।
SP और प्रभारी मीडिया सेल शाखा वर्दी में ही मीडिया के साथ बातचीत करेंगे। किसी अपराध के दर्ज होने के 48 घंटों के भीतर केवल इतनी ही सूचना साझा की जायेगी जो घटना के तथ्यों को प्रकट करे और आश्वस्त कर सके कि मामले को गंभीरता से किया जा रहा है।
किसी अपराध के संबंध में गुप्त और तकनीकी सूत्रों को मीडिया के समक्ष प्रकट नहीं किया जायेगा। ना ही अनुसंधान की दिशा और तकनीकों का खुलासा किया जाएगा।
मीडिया को केवल तथ्यों पर आधारित जानकारी दी जायगी
यौन हिंसा (Sexual Violence) के पीड़ितों और बच्चों की पहचान को मीडिया के सामने खुलासा नहीं किया जायेगा। आरोपितों की गिरफ्तारी होने पर मीडिया को बताया जायेगा लेकिन उन्हें मीडिया के समक्ष पेश नहीं किया जायेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित और अन्य प्रकार के मामलों में किसी समय चलाए जा रहे पुलिस ऑपरेशन की ताजा स्थिति साझा नहीं की जायगी, बल्कि ऑपरेशन पूर्ण होने के बाद अपराधियों एवं बरामद वस्तुओं की तथ्यात्मक जानकारी दी जायेगी।
अनुसंधान के दौरान समय-समय पर आवश्यक मीडिया को केवल तथ्यों पर आधारित जानकारी दी जायगी। अनुसंधान पूर्ण होने पर आरोप पत्र के तथ्यों की जानकारी एवं न्यायिक विचारण के परिणाम की जानकारी मीडिया को दी जा सकती है।
पुलिस प्रवक्ता पुलिस से संबंधित जानकारी मीडिया को दे सकेंगे
किसी बड़े आयोजन और आकस्मिक घटना स्थल पर जहां मीडियाकर्मी उपस्थित हों, वहीं वरीय पुलिस पदाधिकारी और उनके जरिये निर्देशित पुलिस पदाधिकारी, जो कम से कम पुलिस DSP रैंक के राजपत्रित पदाधिकारी होंगे उनके द्वारा ही मीडिया ब्रीफिंग का कार्य किया जायेगा।
प्राधिकृत पुलिस प्रवक्ता पुलिस से संबंधित जानकारी मीडिया को दे सकेंगे। पुलिस मुख्यालय के लिए ADG और IG रैंक के पदाधिकारी को DGP द्वारा पुलिस प्रवक्ता नियुक्त किया जायेगा।
पुलिस मुख्यालय के लिए DGP और फिर उनके द्वारा प्राधिकृत पुलिस प्रवक्ता पुलिस से संबंधित जानकारी मीडिया को दे सकेंगे।
प्रत्येक जिला के कार्यालय में एक मीडिया सेल शाखा होगी, जिसके प्रभारी मुख्यालय स्थित SSP या DSP होंगे।
जिलों में SP के जरिये और प्रभारी मीडिया सेल शाखा द्वारा संबंधित जानकारी मीडिया को दी जा सकेगी।
पुलिस से संबंधित जानकारी मीडिया को दे सकेंगे
पुलिस की विभिन्न इकाई CID, जैप, रेल, स्पेशल ब्रांच, SCRB , ACB, ATS से मीडिया को उपलब्ध कराई जाने वाली सूचना पुलिस प्रवक्ता को उपलब्ध कराई जायेगी। इन सूचना को पुलिस प्रवक्ता प्रेस विज्ञप्ति और संवाददाता सम्मेलन (Police Spokesperson Press Release and Press Conference) के माध्यम से मीडिया को जारी करेंगे।
पुलिस के विभिन्न इकाई के क्षेत्रीय जिला स्तरीय पदाधिकारी और समादेष्टा अपने क्षेत्राधिकार की उपलब्धि संबंधी सूचनाएं मीडिया से साझा कर सकेंगे।
जोनल IG और DIG भी पुलिस से संबंधित जानकारी मीडिया को दे सकेंगे। पुलिस के नीतिगत सभी मामलों में केवल DGP और उनके निर्देश पर पुलिस प्रवक्ता ही मीडिया ब्रीफिंग करेंगे।