पटना : महिला आरक्षण विधेयक (Women’s Reservation Bill) लोकसभा में पारित हो गया। अगर यह विधेयक सरजमीं पर उतर जाएगा तब संसद और बिहार विधानसभा में स्वरूप बदल जाएगा।
फिलहाल लोकसभा में बिहार की 40 सीट हैं, वहीं विधानसभा में विधायकों की संख्या 243 है। महिला आरक्षण के बाद तय है कि महिलाओं की संख्या विधानसभा और लोकसभा में बढ़ जाएगी।
फिलहाल लोकसभा में बिहार की तीन महिला सांसद हैं, जो महज 7.5 फीसदी भागीदारी हैं। अगर महिला आरक्षण लागू हुआ तो बिहार से कम से कम 13 महिला संसद लोकसभा पहुंचेंगी।
मात्र 28 महिलाएं ही विधानसभा पहुंची
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। एक तिहाई आरक्षण लागू हुआ तो कम से कम बिहार में कम से कम 80 महिला विधायक चुनकर सदन में पहुंचेगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल 26 महिला विधायक चुनकर बिहार विधानसभा में पहुंची हैं, जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में मात्र 28 महिलाएं ही विधानसभा पहुंची थीं।
इधर, इस विधेयक को लेकर भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष धर्मशीला गुप्ता (Dharamsheela Gupta) ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम ऐतिहासिक है।
वाजपेई की सरकार में बिल को कई बार पेश किया गया
उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दलों का महिला विरोधी आचरण संसद और बाहर भी सामने आता रहा है।
भाजपा की अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) की सरकार में इस बिल को कई बार पेश किया गया, लेकिन कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों ने उसकी कॉपी तक फाड़ डाली थी।
उन्होंने कहा कि आज नारियों के लिए एतिहासिक दिन है। तीन दशकों के बाद उन प्रखर, उन वंचित महिलाओं के नेतृत्व करने की क्षमता पर नई ऊर्जा और नए जोश से काम करने के लिए नारी शक्ति वंदन बिल लोकसभा में पारित हुआ।