नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश D.Y. चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachur) ने शनिवार को कहा कि महिला आरक्षण (Women’s reservation) विधेयक पारित होने के दौरान संसद में गूंजे सभी दलों के प्रयासों पर गर्व होना चाहिए।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वकील सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी भावना संविधान के निर्माण के दौरान दिखी थी, जहां दलगत और परस्पर विरोधी विचारधाराओं से ऊपर उठकर सदस्य संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए “एक स्वर में” एक साथ आए।
“न्यायपालिका कानून के शासन को बरकरार रखती है” – CJI
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि जहां न्यायपालिका कानून के शासन को बरकरार रखती है, वहीं बार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वकील व्यावसायिक दक्षता और सीमा पार लेनदेन में मदद करते हैं और राष्ट्रीय कल्याण और आर्थिक विकास में योगदान देते हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब वकीलों के लिए वैश्विक परिदृश्य में दुनिया भर में पहुंचने का समय आ गया है।
7,000 करोड़ से अधिक का बजट आवंटित
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट परियोजना (E-court project) के तीसरे चरण के लिए 7,000 करोड़ से अधिक का बजट आवंटित किया है।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक संरचना कार्यपालिका और न्यायपालिका को अलग-अलग छोर पर खड़ा कर सकती है लेकिन दोनों का उद्देश्य एक ही है — राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि।
इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल (Arjun Meghwal) ने कोरोना महामारी के दौरान दुनिया में सबसे अधिक संख्या में वर्चुअल सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सराहना की थी।