दुमका: सरकारी काम (Government Work) में बाधा पहुंचाने से संबंधित मामले में एक अदालत ने दोष सिद्ध 12 आरोपियों को पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना अदा करने के साथ दो-दो साल के कारावास की सजा सुनायी है।
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार यादव (Vijay Kumar Yadav) की अदालत में बुधवार को रामगढ़ थाना कांड संख्या 106/2014 में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई।
तीन महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी
दोष सिद्ध आरोपितों में दयानंद राय, भोलेनाथ राय, श्याम देव राय,शरत चंद्र मंडल, शम्भू नाथ राय, अजीत कुमार मंडल, श्रीप्रकाश राय, कामदेव राय, जगदीश राय, सीता देवी, गुड़िया देवी और रुबी देवी शामिल हैं।अभियोजन की ओर से न्यायालय में पांच गवाह पेश किये गये और प्रतिपरीक्षण कराया गया।
सरकार की ओर से सहायक लोक अभियोजक खुशबुद्दीन अली और बचाव पक्ष की ओर से बहस सुनने के बाद न्यायालय ने रामगढ़ थाना क्षेत्र के दहीचूंआ गांव के रहने वाले 12 नामजद आरोपियों को सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न के मामले में दोषी पाकर भादवि की धारा 353 के दो-दो साल के कारावास और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी।
जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर सभी दोषियों को तीन महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
APP से मिली जानकारी के अनुसार रामगढ़ के पुलिस अवर निरीक्षक रामदेव वानरा के लिखित बयान पर 8 सितम्बर, 2014 को 353 सहित भादवि की विभिन्न धाराओं के तहत दोष सिद्ध आरोपितों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
जान मारने की नीयत से एक पुलिसकर्मी को घायल कर दिया
प्राथमिकी के अनुसार रामगढ़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल अधिकारी से अग्रसारित एक आवेदन दहीचूंआ गांव के प्रकाश मंडल द्वारा थाना में दिया गया था, जिसमें उसकी जमीन में लगे मकई की लूट किये जाने की सूचना दी गयी थी।
इस सूचना पर थाने के पुलिस पदाधिकारी और सशस्त्र बल के जवान कार्रवाई करने के लिए दहीचूंआ गांव पहुंचे तो कुछ आरोपिते ने दरवाजे बंद कर लिए।
संदेह होने पर पुलिस ने दो आरोपितों के दरवाजे खुलवाए तो दोनों के घर से चार बोरा मकई मिली। जब पुलिस कर्मी मकई जब्त कर थाने जाने लगे तो मौके पर मौजूद नामजद आरोपितों ने हमला बोल दिया और जान मारने की नीयत से एक पुलिसकर्मी को घायल (Policeman Injured) कर दिया।