रांची : अपराध अनुसंधान विभाग (CID) की साइबर थाने ने दो साइबर ठगों को गिरफ्तार (Cyber Thugs Arrested) किया है। इनमें मनीष कुमार और अरुण कुमार शामिल हैं।
दोनों उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले है। इनके पास से दो मोबाइल फोन और बैंक खाता एवं अन्य दस्तावेज बरामद हुआ है।
DSP नेहा बाला ने बुधवार को बताया कि अनगड़ा निवासी विजय कुमार चौधरी ने साइबर थाने में गत 11 मई को साइबर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
दर्ज मामले में कहा गया था कि साइबर ठगों ने लोगों को जीवी फुटबॉल डॉट कॉम नाम वेबसाइट पर फुटबॉल मैच पर बैटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर बताया जाता था। बेवसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बाद जीभी फुटबॉल गेमिंग एप का एपीके फाइल डाउनलॉड कराया जाता था।
APK फाइल के एनालिसिस के बाद इसका आईपी एड्रेस चीन और हांगकांग पाया गया था। दिसम्बर 2022 से मई 2023 तक शिकायतकर्ता और अन्य लोगों की ओर से जीवी फुटबॉल ऐप डाउनलॉड कर अपना टेलीग्राम आईडी बनाकर मुनाफा कमाने के लिए 500 रुपये निवेश किया जाता था।
भारत के अन्य राज्यों में 222 कांड दर्ज
इसमें मुनाफे की निकासी का प्रावधान था। इसमें निकासी का यह नियम था कि प्रत्येक निकासी अधिकतम 50 हजार रुपये का होगा। इसमें 12 प्रतिशत टैक्स काटकर भुगतान किया जायेगा।
26 अप्रैल तक निवेश करने वाले मुनाफे की राशि निकालते रहे और 27 अप्रैल से निकासी बंद हो गयी लेकिन कंपनी निवेश का पैसा लेती रही और कहती रही कि 6 मई से निकासी फिर होने लगेगी।
फिर IED बंद हो गयी। DSP ने बताया कि मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर के समन्वय से मनीष इंटरप्राइजेज की फेक प्रोपेराइटरशिप फिल्म (Fake Proprietorship Film) की संलिप्तता पाई गयी।
इस एकाउंट के खिलाफ भारत के अन्य राज्यों में 222 कांड दर्ज है। इससे संबंधित यस बैंक के खाते में सिर्फ अप्रैल माह में कुल 24 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन (Transaction) पाया गया है।