नई दिल्ली : चंद्रयान मिशन (Chandrayaan Mission) की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने उन तारों के रहस्य सामने लाने की योजना बनाई है जिन पर पर्यावरण होने की बात कही जाती है या जो सौरमंडल से बाहर स्थित हैं। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने इसकी जानकारी दी।
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) के तत्वावधान में एक व्याख्यान देकर सोमनाथ ने कहा कि एजेंसी शुक्र ग्रह (Venus) के अध्ययन के लिए एक मिशन भेजने और अंतरिक्ष के जलवायु तथा पृथ्वी पर उसके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए दो उपग्रह भेजने की योजना भी बना रही है।
कम से कम 100 पर पर्यावरण होने की बात मानी
उन्होंने कहा कि एक्सपोसैट या एक्स-रे पोलरीमीटर सैटेलाइट (ExoSat or X-ray Polarimeter Satellite) इस साल दिसंबर में प्रक्षेपण के लिए तैयार है जो समाप्त होने की प्रक्रिया से गुजर रहे तारों का अध्ययन करने के लिए है।
सोमनाथ के मुताबिक, ‘‘हम एक्सोवर्ल्ड्स नामक (Exoworlds) एक उपग्रह की अवधारणा पर भी विचार कर रहे हैं जो हमारे सौरमंडल से बाहर के ग्रहों और अन्य तारों का चक्कर लगा रहे ग्रहों का अध्ययन करेगा।
उन्होंने कहा कि सौरमंडल के बाहर 5,000 से अधिक ज्ञात ग्रह हैं जिनमें से कम से कम 100 पर पर्यावरण होने की बात मानी जाती है।