नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार की शाम को जिला प्रशासन के अधिकारी जब भारी पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स के साथ पहुंचे तो लगा कि यह इस आंदोलन की आखिरी रात है।
गाजियाबाद प्रशासन ने किसान नेताओं को आधी रात तक धरना खत्म करने का अल्टिमेटम दिया था। तमाम प्रदर्शनकारी किसान अपना बोरिया बिस्तर समेटने लगे थे लेकिन राकेश टिकैत के आंसुओं ने माहौल को एकदम से बदल दिया।
इसके बाद टिकैत के आह्वान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ जिलों से किसानों के गुट गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने लगे। इसका नतीजा यह हुआ कि शाम तक लगभग खाली हो चुका धरनास्थल रातों-रात फिर से गुलजार होने लगा है।
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर गाजियाबाद प्रशासन के अधिकारी शाम को धरनास्थल पर पहुंचे और किसान नेताओं को आधी रात तक धरना खत्म करने का अल्टिमेटम दिया। मौके पर पहुंचे भारी पुलिस बल को देखकर लगा कि रात में ही गाजीपुर बॉर्डर खाली करा लिया जाएगा।
किसी भी अनहोनी की आशंका में प्रदर्शनकारी किसान भी अपना बोरिया बिस्तर समेटने लगे थे लेकिन बाद में मीडिया से वार्ता के दौरान राकेश टिकैत के आंसुओं ने माहौल को एकदम से बदल दिया।
गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी गई और पानी के टैंकर दिल्ली सरकार ने भेज दिए। गाजीपुर बॉर्डर पर शाम को तैनात किए गए अतिरिक्त सुरक्षाबल देर रात वापस लौटने लगे।
पूछने पर बताया कि ड्यूटी की शिफ्ट बदल रही है। धीरे-धीरे गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार से ही बड़ी तादाद में तैनात यूपी पुलिस और पीएसी के जवान देर रात तक धरनास्थल से चले गए।
उधर, मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के भाई और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किसानों की महापंचायत की इसमें उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों से फिर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने का आह्वान किया जबकि गुरुवार को दिन में वह आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर चुके थे।
उनके आह्वान के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों से बड़ी संख्या में किसानों का गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने लगे जो आधी रात के बाद भी लगातार जारी है।
राकेश टिकैत के आह्वान पर बिजनौर और मुजफ्फरनगर से किसानों के नए समूह रात में ही गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गए हैं। इस तरह शाम तक लगभग खाली हो चुका धरना स्थल रातों-रात फिर से गुलजार होने लगा है।
रात एक बजे हिन्दुस्थान समाचार ने मौके का जायजा लिया औऱ वहां पहुंचे तमाम किसानों औऱ उनके परिवारों से बात की। इस भीषण ठंड में प्रदर्शनकारियों मेंं बड़ी संख्या महिलाएं एवं बच्चे भी मौजूद हैं।
इसी दौरान भारतीय यूनियन किसान के नेता राकेश टिकैत से पूछा गया कि अब आपकी आगे की क्या योजना है तो वे बोले, ‘सम्मान के साथ विदाई चाहते हैं हम”।
पूछा गया कि क्या आपके पास अब भी कोई प्रस्ताव है? तो जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से बातचीत करेंगे और समाधान का रास्ता निकालेंगे।
उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि कि मेरे पास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी संदेश आया था पर ये मामला केंद्र का है। हालांकि हम उनसे भी इस बावत बातचीत करेंगे क्योंकि अभी रास्ते बंद नहीं हुए हैं।
उधर, कल दोपहर को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर में किसान संगठनों द्वारा खाप पंचायत बुलाई गई है। जहां निर्णय होने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।
भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने रात एक बजे ट्वीट करके कहा ‘पुलिस रोके, सरकार रोके या कोई और… न रुकना है और न झुकना है और न टूटना है।
बाबा टिकैत का एक-एक सिपाही दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। कल नई सुबह होगी, नया सूरज निकलेगा।’ चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे।
हरियाणा के गांव-गांव से किसान भाई ग़ाज़ीपुर बॉर्डर की तरफ चल पड़े हैं, सुबह तक पहुंच जाएंगे। सुबह महापंचायत होगी और अब हम इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचा कर ही दम लेंगे।