नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुचारू रूप से संसद के कामकाज को ध्यान में रखते हुए बजट सत्र से पहले शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
सितंबर में पारित हुए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में होने वाली इस बैठक में भाग लेने के लिए सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
प्रदर्शनकारी किसानों की मांग यही है कि सरकार इन कानूनों को रद्द कर दें, लेकिन सरकार ने इसके समर्थन में कोई बात नहीं कही है।
शुक्रवार को लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने नेताओं संग एक बैठक की, जिसमें भाग लेने के बाद उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लोकसभा में सभी दलों के नेताओं से सदन की गरिमा का सम्मान करने का अनुरोध किया गया है और कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए उनका सहयोग भी मांगा गया है।
नए दशक के पहले बजट सत्र का शुक्रवार को राष्ट्रपति ने संसद में ऐलान किया और कुल 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के इस अभिभाषण का बहिष्कार किया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फिर से कहा कि सरकार को किसानों के आंदोलन के बारे में समाधान ढूंढ़ना चाहिए।
कांग्रेस के साथ 17 विपक्षी दलों ने किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रपति कोविंद के संबोधन का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। ये किसान 26 नवंबर से दिल्ली सहित सिंघू, टिकरी और गाजीपुर की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।