वाशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा फरवरी में अपने पहले स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) मेगा रॉकेट के लिए दूसरा हॉट फायर टेस्ट करेगी।
इससे पहले नासा इसके लिए अपना पहला प्रयास कर चुकी है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, नासा ने फरवरी के चौथे सप्ताह तक स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) रॉकेट के मुख्य चरण के साथ एक दूसरा ग्रीन रन हॉट फायर टेस्ट आयोजित करने की योजना बनाई है, जो चंद्रमा के लिए आर्टेमिस 1 मिशन का शुभारंभ करेगा।
नासा का आर्टेमिस 1 मिशन चंद्रमा की परिक्रमा करने और पृथ्वी पर लौटने के लिए एजेंसी के स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट पर ओरियन लॉन्च करेगा।
दरअसल, एलएलएस के इंजन की हाल ही में टेस्ट फायरिंग हुई थी।
इसमें चार आरएस-25 इंजन लगे हैं। रॉकेट के चारों इंजनों को वैसे ही फायर किया गया, जैसे वो लॉन्च के वक्त होंगे।
इन इंजनों में पहली बार एक साथ एक मिनट तक फायरिंग हुई। हालांकि इसे बीच में ही रोक दिया गया।
इसके बाद कहा जा रहा था कि आर्टेमिस प्रोग्राम के पहले मिशन की तारीख आगे बढ़ सकती है।
पहले हॉट फायर और सात ग्रीन रन परीक्षणों से डेटा का मूल्यांकन करने के बाद नासा और कोर स्टेज के प्रमुख कॉन्ट्रैक्टर बोइंग ने माना कि हॉट फायर टेस्ट लंबे समय किया जाना चाहिए था।
नासा ने यह भी माना कि यह उड़ान के लिए मुख्य चरण को प्रमाणित करने में मदद करने के लिए मूल्यवान डेटा प्रदान करते हुए आर्टेमिस 1 मुख्य चरण के लिए न्यूनतम जोखिम पैदा करेगा।
यह भी माना गया है कि दूसरा ग्रीन रन हॉट-फायर न केवल आर्टेमिस 1, बल्कि भविष्य के सभी एसएलएस मिशनों के लिए भी जोखिम को कम करेगा।
परीक्षणों की ग्रीन रन सीरीज को कोर स्टेज डिजाइन को प्रमाणित करने और यह सत्यापित करने के लिए डिजाइन किया गया है कि नया चरण उड़ान के लिए तैयार है।
हॉट-फायर टेस्ट अंतिम ग्रीन रन टेस्ट है और यह मूल्यवान डेटा प्रदान करेगा, जो आने वाले वर्षों के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन के लिए जोखिम को कम करने में भी मदद करेगा।
प्रक्षेपण के बाद रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजने में लगने वाले समय का अनुकरण करने के लिए लगभग आठ मिनट के लिए दूसरे हॉट फायर टेस्ट की योजना बनाई गई है।