रांची: भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आम बजट को देश विरोधी बजट बताया है। उन्होंने कहा कि बजट 2021 कम्पनी राज को बढ़ाने वाला और आर्थिक पुनर्जीवन व जनता की रोजी-रोटी की गारंटी मांगों के साथ विश्वासघात है।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद आये मोदी सरकार के पहले बजट में लगातार गिर रही अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में कोई कोशिश नहीं की गयी है, न ही इसमें नौकरियां खो चुके और आय व जीवनयापन के स्तर में भारी गिरावट से परेशान लोगों के लिए कोई तात्कालिक राहत दी गयी है।
उल्टे इसमें संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था के बोझ को जनता के कंधों पर डाल बड़े कॉरपोरेटों के लिए अकूत सम्पत्ति जमा करने के और अवसर बना दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सरकारी निवेश और खर्च बढ़ाने की सख्त जरूरत है।
लेकिन यह बजट थोक के भाव में विनिवेश और निजीकरण की दिशा में केन्द्रित है।
रोजगार सृजन, आय में बढ़ोतरी और आम आदमी की क्रय शक्ति में इजाफा करने की दिशा में इस बजट को केन्द्रित होना चाहिए था।
लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया गया है। भारत के 100 सर्वाधिक धनी अरबपतियों की सम्पत्तियों में महामारी और लॉकडाउन के दौरान भारी बढ़ोतरी हो गयी (लगभग 13 लाख करोड़), लेकिन बजट इस सम्पत्ति को वैसे ही छोड़ दे रहा है, इस पर वैल्थ टैक्स या ट्रांजेक्शन टैक्स क्यों नहीं लगाया जा सकता था।
राजस्व नीति में सुधार कर अति धनाड्यों से राजस्व वसूली बढ़ाने और मध्य वर्ग को जीएसटी और आय कर में राहत देने की जगह बजट पहले की तरह ही अत्यधिक अमीरपरस्त राजस्व नीति पर चल रहा है।
सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की किसानों की लम्बे समय से चली आ रही मांग को सरकार ने एक बार फिर खारिज कर दिया है।
पार्टी ने सरकार से मांग की है कि इस बजट पर पुनः विचार किया जाये।