बेंगलुरु : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जाति जनगणना की रिपोर्ट (Caste Census Report) पर जितनी आबादी, उतना हक की पैरवी की है। जैसे ही बिहार में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई श्री गांधी ने अविलंब इसकी पैरवी कर दी।
बीके हरिप्रसाद ने ट्वीट कर बिहार सरकार इस कदम को ऐतिहासिक करार देते हुए, कर्नाटक में की भी रिपोर्ट सार्वजिक करने की मांग कर दी है। उनके अलावा, वीरप्पा मोइली सहित कई विपक्षी नेताओं ने भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है।
मामले पर राहुल गांधी कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में घिरते नजर आ रहे हैं, जहां वर्षों से इस संबंध में रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। वहीं बीके हरिप्रसाद ने लिखा, हमारे नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना की रिपोर्ट जारी नहीं करने को लेकर और पिछड़े वर्ग के साथ हो रहे अन्याय के लिए आवाज उठाई है।
बिहार सरकार की तरह कर्नाटक सरकार को भी जाति गणना की रिपोर्ट जारी करने की हिम्मत दिखानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी का वैज्ञानिक दृष्टिकोण यह है कि जाति जनगणना रिपोर्ट पिछड़े और शोषित सहित सभी वर्गों के उत्थान और विकास में मदद करती है।
गौरतलब है कि इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था, बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां ओबीसी+ एसी + एसटी की आबादी 84% है।
केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ तीन ओबीसी हैं, जो भारत का मात्र 5 प्रतिशत बजट संभालते हैं। इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है। जितनी आबादी, उतना हक – ये हमारा प्रण है।
जाति जनगणना आयोजित की गई
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली (M. Veerappa Moily) ने मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से राज्य में हुई जाति जनगणना की रिपोर्ट जारी करने के लिए कहा है।
पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री मोइली ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया के पिछले कार्यकाल (2013-2018) के दौरान एच कंथाराज की अध्यक्षता में तत्कालीन कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा जाति जनगणना आयोजित की गई थी।
एक सवाल के उत्तर में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, कि जब भी कांग्रेस सरकार आती है, हम पिछड़े वर्गों के हितों की सेवा करने के लिए बहुत उत्सुक होते हैं।
मैं सिद्धारमैया से तुरंत रिपोर्ट जारी करने के लिए कह रहा हूं। अब जब कांग्रेस सरकार (Congress Government) सत्ता में आ गई है और सिद्धारमैया CM बन गए हैं, तो उन्हें रिपोर्ट जारी करनी होगी।