लुधियाना : कभी कनाडा (Canada) को स्वर्णिम अवसर मानने वाले भारतीयों के लिए पार्ट टाइम नौकरियों (Part Time Jobs) के लिए संघर्ष की स्थिति से आज कनाडा अभिशाप की तरह है।
कनाडा में नौकरियों के लिए मारा-मारी शुरू हो चुकी है। हाल ही में एक ग्रोसरी स्टोर ने 7 नौकरियों के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन दिया तो करीब 200 स्टूडैंट्स वहां पर इंटरव्यू देने पहुंच गए।
स्टोर के बाहर लंबी लाइनें सुबह से लेकर शाम तक लगी रही। इतनी भीड़ उमड़ी देखकर स्टोर मालिक भी हैरान परेशान रह गए। उन्होंने खुद अपने स्तर पर उनके लिए चाय-पानी का इंतजाम किया।
ऐसे हालात किसी एक जगह नहीं, बल्कि पूरे कनाडा में बनते जा रहे हैं। पहले छात्र यहां अपनी आजीविका Part Time Jobs कर चला लिया करते थे। कनाडा में जॉब्स बहुत कम हो गई हैं।
हजारों छात्रों को नहीं मिल पा रहा है काम
कनाडा में रहने वाले कई छात्र अब कुछ न कमा पा रहे हैं और न बचत कर पा रहे हैं। वे 20 से 30 लाख रुपए खर्च कर गए थे, अब उनके लिए वतन वापसी आसान नहीं है।
कई स्टूडैंट्स भारी लोन लेकर और और जमीनें गिरवी रख कर कनाडा गए हैं। वहां के हालात देखकर कई छात्र कह रहे हैं कि इससे अच्छा तो इतने पैसे खर्च करके भारत में ही कोई करोबार कर लेते। वे नहीं जानते कि यहां पर हालात कब सुधरेंगे और अब उनका भविष्य अनिश्चित हो चुका है।
हजारों छात्रों को काम नहीं मिल पा रहा है। वे शुल्क और करों का भुगतान करते हैं और बदले में उन्हें कुछ नहीं मिलता। कनाडा सरकार अब उन्हें नहीं पहचान रही लेकिन हम उन्हें बताना चाहेंगे कि हम वे लोग हैं जिन्होंने आपकी ‘श्रम की कमी’ को हल करने सहायता की थी।
कनाडा में हर नौकरी के लिए निश्चित मानदेय होता है, जो घंटों के हिसाब से मिलता है। सरकार ने भारतीय छात्रों से काम करवाने के लिए नीति में बदलाव किया लेकिन नीति में मानदेय नहीं बदले गए थे। हालांकि इसी नीति का दुरुपयोग कर पंजाबी छात्रों से बहुत कम मानदेय पर कहीं अधिक कार्य करवाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक कनाडा में सिर पर बिना छत यहां भटक रहे हताश छात्रों को ढूंढने से भी किराए पर घर नहीं मिल रहा। उन्हें सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। 2023 की बात करें तो कनाडा में अब तक 9,00,000 अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं, इनमे से 90 प्रतिशत भारतीय हैं।
कनाडा में 3,45,000 हाऊसिंग यूनिट्स कम पड़ने का अनुमान
एक अनुमान के मुताबिक इस साल के आखिर तक 5,00,000 स्थायी निवासी और बढ़ सकते हैं। कनाडाई सरकार (Canadian Government) द्वारा आप्रवासियों को लाने का एक प्रमुख कारण आर्थिक विकास और लचीलेपन को बढ़ावा देना है। हालांकि यह अभियान ऐसे समय में आया है, जब कनाडा आवास संकट का सामना कर रहा है।
वहां घरों का निर्माण बेहद कम है और रिकॉर्ड-उच्च ब्याज दरों ने नए घर का निर्माण कनाडाई और नए आप्रवासियों की पहुंच से बाहर कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2030 तक कनाडा में 3,45,000 हाऊसिंग यूनिट्स कम पड़ने का अनुमान है।
गौरतलब है कि हर साल बड़ी संख्या में कनाडा पहुंचने वाले छात्रों का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा नहीं है बल्कि कनाडा जाने के बाद स्थायी निवास और नागरिकता पाने के रास्ते भी खुल जाते हैं।
स्टूडैंट वीजा धारक (Student Visa Holder) कनाडा में आसानी से एंट्री कर सकते हैं। कनाडा में विदेशी छात्रों में बड़ी संख्या भारतीयों की है। कनाडा सरकार के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में कुल 5.5 लाख अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 2.26 लाख इंडिया से थे। ये कुल छात्रों का 40 प्रतिशत है। इससे पहले से 3.2 लाख भारतीय छात्र वीजा पर कनाडा में रह रहे थे। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र मोटल या बेसमैंट में रह रहे हैं।