बेरूत : हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह (Hezbollah Terrorist Group) ने रविवार की सुबह लेबनान सीमा के पास इजरायली सैन्य स्थलों पर मोर्टार (Mortar) दागे।
उधर, गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी हमास आतंकवादी समूह के हमले के मद्देनजर दक्षिणी इजरायल में लड़ाई जारी है। इजरायली मीडिया ने ये जानकारी दी।
टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह ने हमास के हमले के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए माउंट डोव क्षेत्र में तीन इजरायली ठिकानों पर दर्जनों रॉकेट और गोले दागने का दावा किया है।
हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा कि ये हमला, “फिलिस्तीनी प्रतिरोध” (“Palestinian Resistance”) के साथ एकजुटता के लिए था। टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, दावा किया गया है कि इजरायली ठिकानों पर सीधा हमला किया गया।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए फुटेज में उस पल को दिखाया गया जब मोर्टारों में से एक ने सीमा पर इजरायली सैन्य स्थल पर हमला किया।
इज़राइल रक्षा बलों ने किसी के घायल होने की सूचना नहीं दी है, और कहा कि उसने “हिज़बुल्लाह बुनियादी ढांचे” के खिलाफ ड्रोन हमले कर जवाब दिया है।
एक सैन्य सूत्र के अनुसार, ड्रोन हमले में जिस स्थान को निशाना बनाया गया वह एक तंबू था जिसे आतंकवादी समूह (Terrorist Group) ने महीनों पहले इजरायली क्षेत्र में स्थापित किया था। लेबनान में हताहतों के बारे में फिलहाल कोई रिपोर्ट नहीं है।
आतंकवादी समूह ने अभूतपूर्व हमला किया
लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (United Nations Interim Force) ने कहा कि वह “स्थिति को नियंत्रित करने और अधिक गंभीर होने से बचने के लिए” दोनों पक्षों के संपर्क में है।
टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह ने इजरायल और फिलिस्तीनी समूहों के बीच पिछले दौर की लड़ाई में भाग नहीं लिया था, हालांकि इसने स्थानीय फिलिस्तीनी गुटों को दक्षिणी लेबनान में अपने क्षेत्र से बाहर काम करने की अनुमति दी थी।
हाल के महीनों में लेबनानी सीमा पर तंबू सहित दर्जनों हिज़्बुल्लाह चौकियों की तैनाती और आतंकवादी समूह के गुर्गों द्वारा बढ़ती गश्त और उपस्थिति के साथ तनाव बना हुआ है। ।
इजरायल के उत्तरी सीमा पर गोलीबारी तब हुई जब वह दक्षिणी सीमा पर हमास आतंकवादी समूह से लड़ रहा था।
टाइम्स ऑफ इजराइल (Times of Israel) की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा स्थित आतंकवादी समूह ने शनिवार की सुबह इजराइल पर एक अभूतपूर्व हमला किया, हजारों रॉकेट दागे और जमीन, समुद्र और हवा से इजराइली समुदायों में सैकड़ों बंदूकधारियों को भेजा, जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए और 1,500 से अधिक घायल हो गए।