रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति सहित नेता प्रतिपक्ष मामले (Leader of Opposition Case) को लेकर दाखिल विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई बुधवार को हुई।
मामले में महाधिवक्ता राजीव रंजन (Rajeev Ranjan) की ओर से कोर्ट को बताया गया कि लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए एक कमेटी गठित की गई है। जल्द ही लोकायुक्त की नियुक्ति कर ली जायेगी।
राज्य सरकार के आग्रह को देखते हुए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर निर्धारित की है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई।
पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा था कि चीफ इंफॉर्मेशन कमिश्नर और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए शीघ्र बैठक होगी।
इससे पहले विधानसभा सचिव ने हाई कोर्ट द्वारा उठाए गये दो बिंदुओं पर हाई कोर्ट में शपथ पत्र दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि हाई कोर्ट अपने क्षेत्राधिकार के तहत विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश नहीं दे सकता है।
हाई कोर्ट हाउस के बिजनेस में एंट्री नहीं कर सकता
हाई कोर्ट हाउस के बिजनेस में एंट्री नहीं कर सकता है। संविधान के आर्टिकल 212 के तहत हाई कोर्ट विधानसभा की कार्यवाही में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। विधानसभा स्पीकर को निर्देश देने का उसे पावर नहीं है।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने पूछा था कि संविधान के आर्टिकल 226 के तहत हाई कोर्ट के पास क्या पावर है कि वह झारखंड विधानसभा अध्यक्ष को विपक्ष का नेता बनाने का निर्देश दे सकता है।
इसके जवाब में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कहा गया था कि संविधान के आर्टिकल 212 के तहत हाई कोर्ट (High Court) को पावर नहीं है कि वह विधानसभा की कार्यवाही में किसी तरह का हस्तक्षेप करें।