Disqualification of Eknath Shinde’s MLAs: कोर्ट ने स्पीकर से शिवसेना के विधायकों (Shiv Sena MLAs) की अयोग्यता पर अगले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले फैसला करने के लिए कहा है। अब इस मामले पर अगले सोमवार को सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि…
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का कहना है कि यदि स्पीकर प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए संशोधित कार्यक्रम प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं तो कोर्ट एक समयसीमा तय करेगा।
साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि, “हम इस अदालत की गरिमा बनाए रखने के बारे में चिंतित हैं। हमारे आदेशों का पालन किया जाना चाहिए।”
अलग-अलग सुनवाई की मांग
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुटों द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई की, हालांकि शिंदे समूह ने अलग से सुनवाई की मांग की है।
उद्धव के नेतृत्व वाले गुट ने जोर देकर कहा कि याचिकाओं पर अलग से सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि सभी याचिकाओं के पीछे एक ही कारण है। विरोधी पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के अनुसार, नार्वेकर ने पहले याचिकाओं पर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन शिंदे और 15 अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं की पहली वास्तविक सुनवाई गुरुवार को विधान भवन में हुई।
दिन की सुनवाई खत्म होने के बाद शिंदे समूह (Shinde Group) के वरिष्ठ वकील अनिल सखारे ने संवाददाताओं से कहा, ”प्रत्येक व्यक्ति जो अयोग्यता याचिकाओं में एक पक्ष है, उसे इसके बारे में कुछ न कुछ कहना है। इसलिए हमने सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ने के बजाय उनकी अलग-अलग सुनवाई की मांग की।”
राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने कहा…
उनके तर्क का ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (Uddhav Balasaheb Thackeray) ने विरोध किया। राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने कहा, ”सभी अयोग्यता याचिकाओं को एक साथ जोड़ने और इसके बाद सुनवाई करने की हमारी मांग अब भी वही है क्योंकि हर याचिका में उल्लिखित कारण एक ही है।
शिवसेना (UTB) की ओर से दायर सभी याचिकाएं उन विधायकों को अयोग्य ठहराने से संबंधित हैं जो शिंदे गुट में शामिल हो गए।” देसाई ने कहा, ”हम विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करते हैं कि याचिकाओं पर निर्णय लेने में और देरी न हो। न्याय में देरी न्याय न मिलने के समान है।”